शदाणी दरबार में शामिल हो सकेंगे हिन्दू तीर्थयात्री, जानिए क्या है मंदिर का इतिहास
पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित एक मंदिर में शिव अवतारी सतगुरु संत सदाराम साहिब का समारोह होने वाला है. पाकिस्तान उच्चायोग ने सिंध के शदाणी दरबार हयात पिताफी में होने वाले इस समारोह के लिए वीजा जारी किए हैं. इसके तहत भारतीय हिन्दू तीर्थयात्री 24 नवंबर से 4 दिसंबर तक पाकिस्तान की यात्रा कर सकते हैं.

Pakistan News: भारत और पाकिस्तान हमेशा मनमुटाव देखने को मिलता है. लेकिन तीर्थ स्थलों की बात आए तो दोनों देशों के बीच लोगों का आवागमन जारी रहता है. अब पाक के सिंध प्रांत स्थित एक मंदिर में शिव अवतारी सतगुरु संत सदाराम साहिब का समारोह होने वाला है. इसमें बड़ी संख्या में हिंदू तीर्थयात्रियों के पहुंचने का अनुमान है.
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने इस समारोह में शामिल होने के लिए भारत के हिंदू श्रद्धालुओं के लिए 87 वीजा जारी किए हैं. इस बारे में उच्चायोग ने शुक्रवार को जानकारी दी.
पाक सरकार ने जारी किए 87 वीजा
एक अधिकारिक बयान में बताया गया कि नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने सिंध के शदाणी दरबार हयात पिताफी में होने वाले इस समारोह के लिए वीजा जारी किए हैं. इसके तहत भारतीय हिन्दू तीर्थयात्री 24 नवंबर से 4 दिसंबर तक पाकिस्तान की यात्रा कर सकते हैं. वहीं उच्चायोग के प्रभारी साद अहमद वराइच ने तीर्थयात्रियों को यात्रा की बधाई दी है. आपको बता दें कि यह कार्यक्रम गुरु संत सदाराम साहिब की 316वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है.
क्या है शदाणी दरबार?
शदाणी दरबार पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सबसे बड़े हिन्दू मंदिरों में से एक है. यह घोटकी जिले के हयात पिताफी में स्थित है. मंदिर की स्थापना 1786 में संत सदाराम साहिब ने की थी. इसलिए हर साल भारत से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री संत सदाराम साहिब की जयंती मनाने के लिए यहां आते हैं. यह मंदिर हिन्दू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यह दरबार न सिर्फ भारत-पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव का प्रतीक है. यह भारतीय श्रद्धालुओं के लिए भी एक आध्यात्मिक यात्रा का केंद्र है.
कौन थे संत सदाराम साहिब?
ऐसी मान्यताएं हैं कि संत को भगवान शिव का अवतार माना जाता है. उनका जन्म अक्टूबर 1708 में लाहौर में एक लोहाना खत्री परिवार में हुआ था. उन्हें भगवान राम के बेटे लव का वंशज भी माना जाता है. यह दरबार हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही पवित्र स्थल है. शदाणी दरबार की वेबसाइट के अनुसार 20 वर्ष में संत सदाराम ने हरिद्वार, यमुनोत्री, गंगोत्री, अमननाथ, अयोध्या और नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर जैसे विभिन्न पवित्र स्थलों की यात्रा की. बता दें कि शदाणी दरबार में हर साल नवंबर और दिसंबर में शदाणी दरबार मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में तीर्थयात्री शामिल होते हैं. इस दौरान भजन, कीर्तन और पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है.