ना दुर्गा पूजा..ना विसर्जन, बांग्लादेश में हिंदुओं को चेतावनी
बांग्लादेश में हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार दुर्गा पूजा निकट आ रहा है जिसको देखते हुए इस्लामी कट्टरपंथी इस त्यौहार का खुला विरोध करने हुए नजर आ रहे हैं. इसके साथ देश भर में छुट्टियों के खिलाफ हैं उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि ना दुर्ग पूजा की ना विसर्जन की छुट्टी देनी चाहिए.

Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश की नई सरकार ने हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा करने में सफल होती नहीं दिखाई दे रही है. वहां कई मुस्लिम संगठनों ने हिंदुओ को खुली चेतावनी दे रहे हैं जिसमें वहां हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चिंता बढ़ रही है. दरअसलबांग्लादेश में हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार दुर्गा पूजा निकट आ रहा है जिसको देखते हुए इस्लामी कट्टरपंथी इस त्यौहार का खुला विरोध करने हुए नजर आ रहे हैं. इसके साथ देश भर में छुट्टियों के खिलाफ हैं उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि ना दुर्ग पूजा की ना विसर्जन की छुट्टी देनी चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चरमपंथी समूहों ने ढाका में एक मार्च निकाला, जहां हिंदू समुदाय लंबे समय से एक मैदान में दुर्गा पूजा आयोजित कर रहा है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 'इंसाफ कीमकारी छात्र-जनता' नामक संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया और बांग्ला में तख्तियां पकड़ीं, जिन पर लिखा था, 'सड़कों को बंद कर पूजा नहीं होगी, मूर्ति विसर्जन से पानी का प्रदूषण नहीं होगा, और मूर्तियों की पूजा नहीं होगी.'
हिंदुओं को खुली चेतावनी!
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मांगों में बांग्लादेश में कई विशेष भूमि पर कब्जा करके बनाए गए मंदिरों को हटाने का आह्वान भी शामिल है. एक अन्य मांग में सभी मंदिरों पर भारत विरोधी बैनर और नारे लगाने को कहा गया है, ताकि हिंदू नागरिक बांग्लादेश के प्रति अपनी वफादारी और भारत विरोधी भावनाओं को साबित कर सकें. इसके अलावा, मंदिरों में तोड़फोड़ और मूर्तियों को नष्ट करने की घटनाओं में वृद्धि की खबरें चिंता का विषय बनी हुई हैं, जिससे समुदाय में असुरक्षा का माहौल बन गया है.
हिंदुओं में बढ़ सकता है तनाव
इस समूह ने 16 सूत्रीय मांग पत्र भी पेश किया, जिसमें सार्वजनिक पूजा और मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने की मांग की गई है, यह कहते हुए कि इससे पर्यावरण को नुकसान होता है. उनकी अन्य मांगों में धार्मिक आयोजनों के लिए सड़कों को बंद करने पर प्रतिबंध और सरकारी राहत कोष का उपयोग त्योहारों पर नहीं करने की बात शामिल है.
इसके अलावा, कई अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन हुए हैं, जिसके चलते हिंदू समुदाय में तनाव बढ़ रहा है. यह स्थिति शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद बढ़ते हमलों के बीच और भी गंभीर हो गई है. हालांकि, अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस द्वारा बार-बार सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है, लेकिन मंदिरों में तोड़फोड़ और मूर्तियों के नष्ट होने की घटनाओं से डर और चिंता में वृद्धि हुई है.