LOC से जनरल मुनीर की जहरीली चाल! कश्मीरी राग अलापकर दे रहा झूठी तसल्ली; सैनिकों को क्या कहा?
बकरीद के मौके पर पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी घिसी-पिटी रणनीति दोहराई. सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एलओसी पर सैनिकों से मिलकर भारत विरोधी बयान दिए और कश्मीर का राग अलापा. हालिया संघर्ष में भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के बावजूद पाकिस्तान सैन्य प्रोपेगंडा से पीछे नहीं हट रहा. भारत ने स्पष्ट किया कश्मीर उसका आंतरिक मामला है.

बकरीद जैसे धार्मिक अवसर पर भी पाकिस्तान अपनी आदत से बाज नहीं आया. सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने शनिवार को नियंत्रण रेखा (LoC) पर अग्रिम चौकियों का दौरा किया. वहां उन्होंने तैनात सैनिकों को बकरीद की मुबारकबाद दी, लेकिन इस शांतिपूर्ण माहौल को युद्ध और कश्मीर प्रोपेगंडा में बदल दिया. यह दौरा धार्मिक कम, सैन्य और राजनीतिक संदेश देने वाला अधिक प्रतीत हुआ.
पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई ISPR ने इस दौरे को जवानों के हौसले को सलाम करने की कवायद बताया. लेकिन जनरल मुनीर ने बातचीत के दौरान हाल की झड़पों का जिक्र करते हुए दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत को करारा जवाब दिया है. यह बयान उस वक्त आया है जब भारत ने पाक और पीओके में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी.
कश्मीर मुद्दे पर फिर दोहराया पुराना राग
मुनीर ने कश्मीर का मुद्दा फिर उठाया और कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी जनता के 'न्यायपूर्ण संघर्ष' को नहीं भूलेगा. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का हवाला देते हुए कश्मीर विवाद को 'अंतरराष्ट्रीय मसला' बताया. यह बयान भारत की उस नीति के खिलाफ जाता है जो कश्मीर को देश का आंतरिक मामला मानता है.
भारत के जवाबी हमलों से डगमगाया
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में एयरस्ट्राइक की थी. इसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमित सैन्य कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन भारत की जवाबी क्षमता के आगे पस्त हो गया. पाकिस्तान की वायुसेना अपने बेस तक की रक्षा नहीं कर पाई.
कूटनीतिक दबाव में प्रोपेगंडा की शरण
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सैन्य अधिकारियों की बातचीत के बाद संघर्ष विराम की घोषणा हुई. लेकिन पाकिस्तान अब अपने सैन्य प्रमुख के जरिए एक बार फिर कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है. बकरीद जैसे मौके को भी इस्लामी भावनाओं की जगह रणनीतिक संदेश के लिए इस्तेमाल किया गया.
कश्मीर भारत का आंतरिक विषय
भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उसके अभिन्न अंग हैं. किसी भी बाहरी ताकत या मंच से कश्मीर पर दावा भारत के लिए अस्वीकार्य है. पाकिस्तान के बार-बार कश्मीर का नाम घसीटने और आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के कारण उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि लगातार गिरती जा रही है. भारत की नीति स्पष्ट और अडिग है. कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा.