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G7 Meeting: पीएम मोदी का कनाडा दौरा क्यों है खास? समझें दुनिया का सियासी समीकरण

G7 Meeting Canada: कनाडा में आयोजित जी7 मीटिंग की मीटिंग में पीएम मोदी का पहुंचना कई मायनों में अहम है. उन्हें आर्थिक रूप से सात सबसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों के 14 नेताओं से मुलाकात का मौका मिलेगा. ऐसे में पीएम मोदी बदले वैश्विक माहौल में अलग-अलग मामलों पर अपनी बातों को दमदार तरीके से रख सकते हैं.

G7 Meeting: पीएम मोदी का कनाडा दौरा क्यों है खास? समझें दुनिया का सियासी समीकरण
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( Image Source:  Twitter )

G7 Meeting In Canada: कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में आज से दो दिवसीय जी 7 राष्ट्रों का सम्मेलन शुरू हो रहा है. पीएम मोदी इसमें शामिल होने के लिए साइप्रस से सीधे अल्बर्ट कैलगरी पहुंच गए हैं. इस बार जी7 का सम्मेलन एक ऐसे माहौल में हो रहा जब कई कारणों से दुनिया भर में उथल-पुथल और तनाव का माहौल है. खासतौर से पहलगाम आतंकी हमले, ट्रंक की टैरिफ पॉलिसी और ईरान इजरायल वार की वजह से दुनिया की राजनीति बदलाव के मुंहाने पर है.

इन सब झंझावातों के बीच पीएम मोदी की एक दशक में कनाडा की पहली यात्रा है, जिसमें विश्व नेताओं के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी.

मार्क कार्नी ने कॉल पर जी7 में आने का किया था अनुरोध

कनाडा के कनानास्किस में होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री की G7 शिखर सम्मेलन में लगातार छठी भागीदारी है. इस महीने की शुरुआत में पीएम मोदी ने पुष्टि की थी कि वे कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के निमंत्रण पर G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. फोन कॉल की शुरुआत कनाडा की ओर से की गई थी, जो स्पष्ट रूप से ओटावा के नई दिल्ली के साथ संबंधों को सुधारने के इरादे को दर्शाता है, जो जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान खराब हो गए थे. अब इस यात्रा से पीएम एक तीर से तीन मिशन पहली बार पूरा करेंगे.

मतभेद के बाद कनाडा की पहली यात्रा

पीएम मोदी की कनाडा यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में आई गिरावट के बाद उनकी पहली कनाडा यात्रा होगी. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे। जहां नई दिल्ली ने आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है. भारत ने कहा है कि कनाडा के साथ मुख्य मुद्दा देश में खालिस्तानी अलगाववादियों को दी गई जगह है.

कार्नी-मोदी की होगी पहली मुलाकात

जी7 शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी की नव-निर्वाचित कनाडाई पीएम मार्क कार्नी के साथ उनकी पहली मुलाकात होगी. कार्नी भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने का इरादा व्यक्त किया है. जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करने के अपने निर्णय पर, कार्नी ने कहा था, "भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश और आपूर्ति श्रृंखलाओं का केंद्र है."

इसके अलावा, द्विपक्षीय रूप से भारत और कनाडज्ञ कानून प्रवर्तन से कानून प्रवर्तन संवाद जारी रखने के लिए महत्वपूर्ण रूप से सहमत हुए हैं. इस दिशा में कुछ प्रगति भी हुई है. जवाबदेही के मुद्दों को मान्यता दी गई है. मैंने उस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण दिया और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है. यह खुशी की बात है."

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी की पहली विदेश यात्रा

पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली यह पहली विदेश यात्रा है. जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, के साहसिक जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था. ऐसा कर भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी केंद्रों को नष्ट कर दिया था. द्विपक्षीय वार्ता के दौरान मार्क कार्नी के साथ इस मसले पर चर्चा पीएम मोदी चर्चा भी कर सकते हैं.

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