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जिस्मों से खेलता रहा, रूहें नोचता रहा…घर में मिले 3 लाख से ज्‍यादा पोर्न वीडियो-फोटो; कहानी सफेद कोट में हैवान की

जोएल ले स्कोर्नेक, फ्रांस का 74 वर्षीय सर्जन, 1989 से 2017 तक 299 बच्चों के यौन शोषण के आरोप में दोषी पाया गया. एक सम्मानित डॉक्टर के रूप में उसने बेहोश या बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती बच्चों को निशाना बनाया. 2017 में एक बच्ची की शिकायत के बाद जब उसके घर की तलाशी ली गई, तो पुलिस को 3 लाख से अधिक अश्लील तस्वीरें और डायरी मिली जिसमें उसने अपने कुकर्मों का विवरण लिखा था. उसे 20 साल की सजा हुई.

जिस्मों से खेलता रहा, रूहें नोचता रहा…घर में मिले 3 लाख से ज्‍यादा पोर्न वीडियो-फोटो; कहानी सफेद कोट में हैवान की
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 30 May 2025 8:25 AM

रात के सन्नाटे में अस्पताल की लाइटें टिमटिमा रही थीं. ऑपरेशन थिएटर में सफेद कोट पहना एक बुज़ुर्ग सर्जन खड़ा था. चेहरे पर गंभीरता, हाथों में भरोसे की चमक… लेकिन आंखों में छिपा था हैवान. उसका नाम था जोएल ले स्कूआर्नेक. फ्रांस के सबसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक में वह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन था. लेकिन मरीजों के शरीर के भीतर चाकू चलाते-चलाते वह उनकी मासूमियत को भी काटने लगा. वह मरीजों के शरीर नहीं, उनकी आत्मा घायल करता था.

एक सभ्य चेहरे के पीछे का हैवान

जोएल को लोग सम्मान से देखते थे. उसने 1974 में मैरी-फ्रांस से शादी की, तीन बच्चे हुए. बाहर से सब ‘आदर्श’ लगता था. लेकिन अंदर ही अंदर वो अपने ही बेटे, और मरीजों तक को नर्क की सैर करवा रहा था.

डायरी खोली तो सन्न रह गई पुलिस

2017 में जब वो एक नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ़्तार हुआ, पुलिस ने उसकी डायरी खंगाली. अंदर लिखा था-हर रोज़ की ‘शिकार’ की कहानी. जिसमें 299 पीड़ित. 158 लड़के, 141 लड़कियां यानी सब बच्चे. कुछ होश में नहीं थे, कुछ ऑपरेशन के बाद दर्द में थे. लेकिन जोएल को फर्क नहीं पड़ता था. उसके लिए वे सिर्फ ‘फैंटेसी’ थे.

2017 में जब पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली, तो ऐसा लगा जैसे नर्क के दरवाज़े खुल गए हों. 3 लाख से ज्यादा अश्लील तस्वीरें, जानवरों और बच्चों के साथ किए गए यौन अपराधों की वीडियो रिकॉर्डिंग. खुद की लिखी हुई डायरियां- हर घटना को गौरव की तरह दर्ज किया था. उसने लिखा - “मुझे खुद पर गर्व है... मैं सबसे बड़ा शिकारी हूं…”

1989 से 2017 तक - 28 साल की वहशी कहानी

सबसे पहले अपनी ही 5 और 6 साल की भतीजियों को शिकार बनाया. फिर अस्पताल के वार्ड बने उसके शिकारगाह. वो इंतजार करता था… जब मरीज अकेले हों, बेहोशी की हालत में हों या दवाओं के असर में हों. वो बच्चों के पास पहुंचता, उन्हें 'चेकअप' का बहाना देता, और फिर... जो करता, उसे बयान करना भी इंसानियत के खिलाफ लगता है.

काले कोट में आया अदालत, पर ज़मीर सफेद नहीं हुआ. 2024 में जब जोएल कोर्ट में खड़ा था, तो बोला, 'मैं अब खुद को वैसे नहीं देख सकता. मैं एक बच्चा शोषक हूं, एक बलात्कारी. उसकी आंखें सूखी थीं, चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था. फैसला आया 20 साल की सज़ा, लेकिन पीड़ितों को इससे क्या राहत? “वो 2030 में बाहर आ सकता है… लेकिन हम कभी उस दर्द से बाहर नहीं निकल पाएंगे,”

एक पीड़िता ने कहा कि दादा भी दरिंदा, बेटे पर भी ज़ुल्म. इतना ही नहीं जोएल की कहानी यहीं खत्म नहीं होती. उसके बेटे ने कोर्ट में बताया कि जोएल का पिता भी उसका रेप करता था. ये हैवानियत एक पीढ़ी से दूसरी तक चली, जैसे विरासत में दी गई हो.

'सर्जरी नहीं, ये दरिंदगी थी'

जोएल ने सैकड़ों ऑपरेशन किए, लेकिन असल में वो ऑपरेशन टेबल उसका शिकारगाह थी. वो मरीजों को बेहोश करता था, और फिर उन्हें नोंचता था.

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