झूठे नैरेटिव और चापलूसी... आसिम मुनीर की ‘गुड बॉय’ पॉलिटिक्स, ट्रंप ने बातों-बातों में खोल दी पोल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने उनकी चापलूसी करते हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध टलने का श्रेय उन्हें दिया था. ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच फोन कर सीजफायर कराया, जबकि भारत ने इसे सिरे से खारिज किया है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, संघर्षविराम भारत और पाकिस्तान की सैन्य बातचीत से संभव हुआ था. वहीं, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने भी झूठा प्रचार करते हुए सात भारतीय जेट गिराने का दावा किया, जिसे उपग्रह तस्वीरों ने गलत साबित किया.

डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर ने सार्वजनिक तौर पर उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने लाखों लोगों की जान बचाई. ट्रंप के मुताबिक यह सुनकर उन्हें गर्व भी हुआ और संतोष भी कि उनकी कोशिशों का असर दिखा.
ट्रंप का कहना है कि मई में दोनों देशों के बीच हालात काफी बिगड़ चुके थे और युद्ध की आशंका बढ़ गई थी. ऐसे वक्त पर उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों को चेतावनी दी कि यदि लड़ाई जारी रही तो व्यापारिक संबंध खत्म हो जाएंगे. उनके मुताबिक, इसी दबाव के बाद संघर्षविराम हुआ.
भारत का साफ इनकार
हालांकि भारत ने ट्रंप की इस कहानी को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि संघर्षविराम का फैसला भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत से हुआ था. भारत का यह भी कहना है कि इस समझौते में किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं रही.
पाकिस्तान का प्रचार अभियान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र मंच से यह नैरेटिव गढ़ा कि उनकी वायुसेना ने सात भारतीय जेट मार गिराए. लेकिन उपग्रह तस्वीरों और रिपोर्ट्स ने इस दावे को झूठा साबित कर दिया. असल में भारतीय हमलों से पाकिस्तानी एयरबेस को बड़ा नुकसान हुआ था.
ट्रंप का नाराजगी भरा बयान
ट्रंप ने यह भी कहा कि इतने बड़े संकट को टालने के बावजूद उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि यह सम्मान अक्सर उन लोगों को दे दिया जाता है, जिन्होंने कुछ खास काम नहीं किया. उनका कहना था कि वह यह पुरस्कार अपने लिए नहीं बल्कि देश की उपलब्धि के रूप में चाहते थे.
सच्चाई क्या है?
दरअसल, भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने मई की झड़प में पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था. पाकिस्तान ने इस हार को छिपाने के लिए ट्रंप और शरीफ के बयानों का सहारा लिया. वहीं, ट्रंप अपनी कूटनीतिक भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते रहे. लेकिन जमीनी सच्चाई यही रही कि संघर्षविराम भारत और पाकिस्तान की प्रत्यक्ष वार्ता से ही संभव हुआ.