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ट्रंप के फाइनेंसर चार्ली किर्क की हत्या अमेरिका में सियासी हिंसा का नतीजा तो नहीं! कब-कब हुए ऐसे मामले?

टर्निंग प्वाइंट यूएसए के संस्थापक और डोनाल्ड ट्रंप के फाइनेंसर चार्ली किर्क की हत्या ने वहां होने वाले राजनीतिक हिंसा पर एक बार बहस तेज कर दी है. सवाल उठ रहा है कि क्या यह घटना सिर्फ व्यक्तिगत हमले का नतीजा है या फिर अमेरिका में गहराता राजनीतिक ध्रुवीकरण और हिंसा में बढ़ोतरी इसकी वजह है. अमेरिका के इतिहास में इससे पहले भी कई बार हमले हुए हैं, जो वहां के लोकतांत्रिक व्यवस्था में भूचाल लाने वाले साबित हुए थे.

ट्रंप के फाइनेंसर चार्ली किर्क की हत्या अमेरिका में सियासी हिंसा का नतीजा तो नहीं! कब-कब हुए ऐसे मामले?
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( Image Source:  @kirawontmissh@MelGibsonQ_ )

टर्निंग प्वाइंट यूएसए के संस्थापक (MAGA) और मेक अमेरिका ग्रेट अगेन के सक्रिय एक्टिविस्ट चार्ली किर्क कंजरवेटिव पार्टी की राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. 10 सितंबर को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उनकी हत्या मारकर हुई हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. पिछले कुछ सालों से सियासी ध्रुवीकरण और चुनावी तनाव से गुजर रहे अमेरिका में इस घटना ने सियासी हिंसा के खतरे को फिर से सामने ला दिया है. सवाल यह भी है कि क्या यह हमला अकेली घटना है या फिर लंबे समय से जारी राजनीतिक टकराव की कड़ी का एक हिस्सा है?

दरअसल, चार्ली किर्क की हत्या ऐसे वक्त में हुई है, जब अमेरिका के दो प्रांतों में गवर्नर और न्यूयॉर्क सिटी में मेयर चुनाव होना है. उससे पहले किर्क की हत्या ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है. डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन बनाम डेमोक्रेट्स की जंग चरम पर पहुंच गया है. इस चुनाव की वजह से MAGA समर्थकों और विरोधियों के बीच टकराव की घटनाएं सामने आने लगी हैं. ऐसे में यह घटना सिर्फ व्यक्तिगत हमला नहीं बल्कि राजनीतिक हिंसा की बड़ी चेतावनी भी हो सकती है.

चार्ली किर्क कौन थे?

चार्ली किर्क अमेरिकी रूढ़िवादी राजनीतिक कार्यकर्ता, प्रचारक और वक्ता थे. उन्होंने Turning Point USA नामक संगठन की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य कॉलेज परिसरों (campuses) और युवा वर्ग में रूढ़िवादी विचारों को बढ़ावा देना है. इसके अलावा, उन्होंने Turning Point Action की भी स्थापना की, जो राजनीतिक उम्मीदवार का समर्थन करने, चुनाव अभियानों और रूढ़िवादी एजेंडों के लिए सक्रियता दिखाने का काम करती है.

ट्रंप से क्या था उनका रिश्ता?

चार्ली किर्क और डोनाल्ड ट्रंप राजनीतिक साथी और समर्थक थे. किर्क ने ट्रंप के पहले राष्ट्रपति अभियान (2016) से जुड़े थे. उन्होंने ट्रंप का समर्थन किया था. हालांकि, शुरुआत में वह ट्रंप के बहुत बड़े प्रशंसक नहीं थे, लेकिन उन्होंने ट्रंप के चुनावी अभियान में मीडिया मैनेजमेंट और फंडिंग का काम किया था. वह चुनाव अभियानों में युवा मतदाताओं और विश्वविद्यालयों में ट्रंप की अपील बढ़ाने का काम करते रहे हैं. किर्क सोशल मीडिया और सार्वजनिक कार्यक्रमों के माध्यम से ट्रंप के MAGA (Make America Great Again) आंदोलन के भी प्रमुख चेहरा बने. उन्होंने ट्रंप के पक्ष में 'You're Being Brainwashed' टूर जैसे कार्यक्रम चलाए. ताकि युवा वर्ग में ट्रंप-समर्थक विचारों को बढ़ावा मिले.

साल 2024 के चुनाव में चार्ली किर्क और उनके संगठन Turning Point USA व Turning Point Action ने ट्रंप को युवा मतदाताओं और उन समूहों से समर्थन दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. ट्रंप भी समय समय पर किर्क की सक्रियता और उनकी भूमिका की सराहना कर चुके हैं.

मार्च 2025 में ट्रंप ने चार्ली किर्क को U.S. Air Force Academy Board of Visitors के एक सदस्य के रूप में नामित किया. यह एक औपचारिक भूमिका है, जहां ये बोर्ड शिक्षा कार्यक्रमों, पाठ्यक्रम आदि पर नजर रखते हैं.

चार्ली किर्क और ट्रंप के साथ अपने संबंधों की वजह से अक्सर विवादों से जुड़े रहे. वह मीडिया में ऐसी बातों को बढ़ाते थे जो ध्रुवीकरण (polarization) को बढ़ाती थीं. जैसे कि चुनाव-धोखाधड़ी (voter fraud) के दावे, या COVID-19, लैंगिक मुद्दों, नस्लवाद (race) व अन्य मसलों पर चर्चित बयान. वह चुनाव प्रचार के दौरान भ्रामक सूचनाओं को भी बढ़ावा देते थे.

तो ये है हत्या की वजह

वहां की मीडिया रिपोर्ट अमेरिकी विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि किर्क की हत्या अमेरिका में बढ़ते सियासी ध्रुवीकरण, सोशल मीडिया पर नफरती भाषण और हथियारों की आसान उपलब्धता यूएस को लगातार हिंसा की ओर धकेल रही है. अगर इस प्रवृत्ति पर काबू नहीं पाया गया तो लोकतंत्र के लिए यह गंभीर खतरा साबित हो सकता है.

चार्ली किर्क की हत्या के पीछे मोटिव क्या था, इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है. पुलिस और अन्य एजेंसियां इस मामले की जांच में जुटी हैं. अमेरिका के कुछ लोग इसे 'सियासी हत्या' मान रहे हैं. इसके पीछे तर्क यह है कि वह राष्ट्रपति ट्रंप के केवल फाइनेंस हैं बल्कि उनके करीबी लोगों में से एक हैं. उन्होंने बतौर राजनेता एक प्रभावी वक्ता भी माना जाता है. उनकी कही बातें अधिकांश मौकों पर अमेरिका में सियासी चर्चा का विषय बनती थी.

अमेरिका में राजनीतिक हिंसा का इतिहास

अमेरिका में सियासी हिंसा कोई पहली घटना नहीं है. इस तरह की घटनाएं पहले भी हुए हैं. हाल के कुछ सालों में इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. ऐसी घटनाएं अमेरिका में नई बात नहीं है. इस तरह के हमले अक्सर मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति, विचारधारा से जुड़े लोग और सियासी नफरत, विचारधारा से जुड़े लोग ध्रुवीकरण या उग्रवाद के प्रभाव में आने की वजह से अंजाम देते हैं.

सियासी हत्या की घटनाएं

1881: राष्ट्रपति जेम्स गारफील्ड की हत्या चार्ल्स जूलियस गुइटो 2 जुलाई को की थी. गुइटो ने उन्हें गोली मारी थी. गोली लगने के कुछ दिनों बाद गारफील्ड की मौत हुई थी.

1901: न्यूयॉर्क के बफेलो में पैन-अमेरिकन प्रदर्शनी के दौरान राष्ट्रपति मैककिनले जब हाथ मिला रहे थे, तभी अराजकतावादी लियोन चोल्गोज ने उन्हें गोली मारी थी. राष्ट्रपति विलियम मैककिनले की मृत्यु 14 सितंबर घावों की जटिलताओं के कारण हुई थी.

1933: शिकागो के मेयर एंटोन सेरमक रूजवेल्ट को निशाना बनाकर चलाई गई गोली से घायल हुए और बाद में उनकी मौत हो गई.

1967: अमेरिकी नव नाजी राजनीतिक कार्यकर्ता जॉर्ज लिंकन रॉकवेल की हत्या नेशनल सोशलिस्ट व्हाइट पीपल्स पार्टी के एक निष्कासित सदस्य जॉन पैटलर ने की थी. यह मामला राजनीतिक उग्रवाद से जुड़ा हुआ था.

1968: डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के प्रत्यशी रॉबर्ट एफ. कैनेडी की लॉस एंजिल्स के एम्बेसडर होटल में कैलिफोर्निया प्राइमरी चुनाव के बाद विजय भाषण देने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

2011: गैब्रिएल गिफोर्ड्स एरिजोना में सामूहिक गोलीबारी में गोली लगी थी. गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद बच गईं थी.

2017: स्टीव स्कैलिस कांग्रेस बेसबॉल टीम के अभ्यास के दौरान उन्हें एक आतंकवादी ने गोली मार दी थी. इस हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी वह बच गईं थीं. अगस्त 2023 में मल्टीपल मायलोमा की वजह से मोत हुई थी.

वर्ल्‍ड न्‍यूजडोनाल्ड ट्रंप
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