मुझे न्याय चाहिए...पीएम मोदी, अमित शाह और राष्ट्रपति को दर्द बताना चाहती हूं; राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पीड़िता ने क्या कहा?
डिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान उन्नाव रेप पीड़िता और उनकी मां को पुलिस द्वारा हटाए जाने की घटना के एक दिन बाद पीड़िता ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. यह मुलाकात कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई. पीड़िता के साथ महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना भी मौजूद रहीं.
दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान उन्नाव रेप पीड़िता और उनकी मां को पुलिस द्वारा हटाए जाने की घटना के एक दिन बाद पीड़िता ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. यह मुलाकात कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई. पीड़िता के साथ महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना भी मौजूद रहीं.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2019 के रेप मामले में मिली सजा पर रोक और सशर्त जमानत के खिलाफ पीड़िता न्याय की गुहार लगा रही है. राहुल गांधी से मुलाकात से पहले पीड़िता ने कहा कि वह देश के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर अपनी पीड़ा साझा करना चाहती है.
2017 के उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने के बाद कहा, "दोनों की आंखों में आंसू थे. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे हमें न्याय दिलाने में मदद करेंगे. राहुल गांधी और सोनिया गांधी मेरी बात सुनकर रो रहे थे. मैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलना चाहती हूं. यह देश में पहली बार है कि रेप आरोपी को जमानत मिलने जा रही है. इस आदेश ने देश की बेटियों को कमजोर कर दिया है..."
'हम सिर्फ अपनी पीड़ा बताना चाहते हैं, हमें न्याय चाहिए'
राहुल गांधी से मिलने से पहले उन्नाव रेप पीड़िता ने कहा कि 'हम सिर्फ उनसे मिलकर यह बताना चाहते हैं कि हम किन हालात से गुजर रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलना चाहती हूं. मुझे न्याय चाहिए…' पीड़िता ने साफ कहा कि वह प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलना चाहती हैं ताकि उन्हें बताया जा सके कि इस फैसले ने उनकी ज़िंदगी को किस तरह से प्रभावित किया है.
हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल: 'देश में पहली बार ऐसा हुआ'
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर नाराज़गी जताते हुए पीड़िता ने कहा कि “ऐसा आदेश देश में अपनी तरह का पहला है, जिसमें बलात्कार के मामले में सजा पर रोक लगा दी गई और जमानत दे दी गई. अब देश की सभी बेटियां डर में हैं कि उनके साथ बलात्कार होगा और अपराधी बच निकलेंगे… पीड़िता का कहना है कि इस आदेश ने देश की हर बेटी को डरा दिया है और यह संदेश गया है कि अपराध करने के बाद भी आरोपी बच सकते हैं.
'हमें ही घर में कैद कर दिया गया'
पीड़िता ने आगे कहा कि “उन्हें हमसे 5 किलोमीटर दूर रहने का आदेश देकर हमें ही हमारे घरों में कैद कर दिया गया है. मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि वह हमें न्याय देगा…” उनका कहना है कि आरोपी को उनसे 5 किलोमीटर दूर रहने का आदेश देकर असल में उन्हें ही घर में कैद कर दिया गया है. अब वह सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद लगाए बैठी हैं.
10 जनपथ पहुंचीं पीड़िता और योगिता भयाना
दिल्ली में 2017 उन्नाव रेप केस की पीड़िता महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना के साथ 10 जनपथ पहुंचीं. यहां उन्होंने सोनिया गांधी के आवास पर राहुल गांधी से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. पीड़िता ने दोहराया कि हम सिर्फ उनसे मिलना चाहते हैं और उन्हें बताना चाहते हैं कि हम क्या गुज़र रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलना चाहती हूं. मुझे न्याय चाहिए..."
ओपी राजभर का बयान: 'कोर्ट ने सुरक्षा की व्यवस्था की है'
इस पूरे मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 'कोर्ट ने कहा है कि कुलदीप सिंह सेंगर को पीड़िता के परिवार से कम से कम 5 किलोमीटर दूर रहना होगा. दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने परिवार से कहा कि अगर कोर्ट ने यह व्यवस्था की है, तो वे कैसे असुरक्षित हो सकते हैं?" ओपी राजभर का कहना है कि कोर्ट द्वारा तय की गई शर्तों के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए.
इंडिया गेट पर प्रदर्शन से उठा सियासी तूफान
उन्नाव रेप पीड़िता और उनकी मां को इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान हटाए जाने की घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है. विपक्ष इसे न्याय की आवाज़ को दबाने की कोशिश बता रहा है, जबकि सरकार और पुलिस अपने फैसले को कानून व्यवस्था से जोड़कर देख रही है.





