डोनाल्ड ट्रंप बढ़ाएंगे भारत की मुसीबत! अमेरिकी सेना दिवस पर असीम मुनीर का करेंगे वेलकम, MEA का क्या है रिएक्शन?
Donald Trump invite Asim Munir: पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर के अमेरिका यात्रा को लेकर उनके अपने देश में विवाद उठ खड़ा हुआ है. इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने मुनीर की यात्रा के दौरान वाशिंगटन डीसी में विरोध प्रदर्शन करने की योजना की घोषणा की है. PTI ने अमेरिका पर लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने का आरोप लगाया है.

Donald Trump invited Asim Munir News: जम्मू कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी परेशान हैं. खासकर भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के अपने दावे को लेकर दुनिया भर में खुद की फजीहत के बाद से ट्रंप इंडिया और पीएम मोदी से दूरी बनाकर चल रहे हैं. इसे भारतीय रणनीतिकार ट्रंप प्रशासन की भावी भारत विरोधी मंशा मान रहे हैं.
ऐसा इसलिए कि अमेरिकी सेना दिवस पर पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर को आमंत्रित कर साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में दक्षिण एशिया और एशिया प्रशांत क्षेत्र को उनकी रणनीति क्या होने वाली है?
अमेरिकी हितों को साधने में जुटे ट्रंप
इस्लामाबाद के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है कि मुनीर 14 जून को 250वें अमेरिकी सेना दिवस समारोह में भाग लेने के लिए वाशिंगटन की यात्रा करेंगे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है दुनिया में क्षेत्रीय भू-राजनीति और नए-नए गुट विकसित हो रहे हैं. यही वजह है कि ट्रंप अमेरिकी हित को साधने के रणनीति बनने में जुट गए हैं.
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ऐसा कर चीन की बेल्ट एंड रोड पहल, विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर पाकिस्तान की स्थिति की समीक्षा करेगा. इस्लामाबाद की बीजिंग के साथ बढ़ती निकटता को भी कम होने पर जोर दे सकता है. इसके बदले अमेरिका पाकिस्तान को भारत और चीन से संभावित नुकसान की भरपाई करने का वादा भी दे सकता है. रणनीतिकारों का मानना है कि इसकी पीछे अमेरिका की एशिया प्रशांत और दक्षिण एशिया में अपने हितों को सुरक्षित रखना है.
भारत के सुरक्षा को खतरा कैसे?
अमेरिकी सेना दिवस पर पाकिस्तान के सेना की प्रमुख असीम मुनीर की प्रस्तावित यात्रा पर भारत राजनयिकों ने सतर्कता के साथ प्रतिक्रिया दी है. नई दिल्ली में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी पाकिस्तान-अमेरिका के बीच नए सैन्य संपर्क को भारत के खिलाफ मानकर चल रहे है. ऐसा इसलिए कि अमेरिका के इस रुख से पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों को निरंतर मजबूती मिलेगी.
साउथ ब्लॉक के सूत्रों का कहना है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ सैन्य रूप से जुड़ने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन रावलपिंडी के प्रति कोई भी राजनीतिक नरमी भारतीय सुरक्षा हितों की कीमत पर होगा तो हम उसका विरोध करेंगे.
पीटीआई ने वाशिंगटन में विरोध प्रदर्शन का किया ऐलान
पाकिस्तानी सेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा पर उनके अपने देश में ही विवाद उठ खड़ा हुआ है. इमरान खान के निर्वासित समर्थकों के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने मुनीर की यात्रा के दौरान वाशिंगटन डीसी में विरोध प्रदर्शन करने की योजना की घोषणा की है. पीटीआई ने पाकिस्तान सेना के नेतृत्व पर पूर्व प्रधानमंत्री को हटाने की साजिश रचने और कथित तौर पर "हाइब्रिड शासन" के माध्यम से लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने का आरोप लगाया है.