डोनाल्ड ट्रंप 2025: झूठों का बादशाह, जो हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहे हैं
डोनाल्ड ट्रंप के झूठों का नया अध्याय! कश्मीर विवाद को 1500 साल पुराना बताया, ट्रेड डेफिसिट और बॉर्डर वॉल पर भी बनाए नए-नए झूठ। जानिए कैसे ट्रंप के बयान आज भी फैक्ट चेकर्स की रातों की नींद उड़ा रहे हैं.

अगर आपको कभी ये सोचने का मन हो कि “झूठ कितने बड़े हो सकते हैं?”, तो डोनाल्ड ट्रंप से बड़ा उदाहरण शायद ही कोई मिलेगा. 30,573 झूठ – हां, ये वो आंकड़ा है जो वॉशिंगटन पोस्ट ने उनके पहले कार्यकाल के बाद रिपोर्ट किया था. 4 सालों में औसतन 21 झूठ प्रति दिन! मतलब अगर हम हर झूठ पर एक सीढ़ी रख दें, तो ट्रंप टावर से चांद तक पहुंच सकते हैं. और ये महज शुरुआत थी, दोस्त! ट्रंप के झूठों का तांडव, उनके दूसरे कार्यकाल में नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है!
कश्मीर विवाद: 1500 साल पुराना?
2025 में ट्रंप ने ऐसा बयान दिया, जिसे सुनकर भूगोल और इतिहास दोनों गुम हो गए. ट्रंप ने दावा किया, "भारत और पाकिस्तान कश्मीर को लेकर 1500 साल से लड़ रहे हैं." बधाई हो ट्रंप जी, आपने न सिर्फ इतिहास को घुमा दिया, बल्कि कश्मीर विवाद को भी 1500 साल पुराना बना दिया. अब अगर आप सोच रहे हैं कि ट्रंप ने शायद पुरानी किताबों में कुछ नया देखा है, तो थोड़ा रुक जाइए. असल में, कश्मीर विवाद 1947 के बाद शुरू हुआ था, यानी ट्रंप ने इतिहास को अपनी मर्जी से लिख लिया, जैसा वो चाहते थे!
पहला कार्यकाल - जादुई झूठों की शुरुआत
2017 से 2021 तक ट्रंप ने 30,573 झूठ बोले. कुछ झूठ तो इतने अविश्वसनीय थे कि अगर हंसी न आए तो समझिए आपने सही समझा. ट्रंप के झूठों का खजाना पूरी दुनिया के झूठों से कहीं ज़्यादा बड़ा है!
"मैंने सबसे बड़ी उद्घाटन भीड़ जुटाई!"
ट्रंप का दावा था कि उनकी उद्घाटन सभा में इतनी भीड़ थी कि "इतिहास में ऐसा कभी नहीं देखा गया"!
फैक्ट चेक: यार, उद्घाटन पर जितनी भीड़ थी, वो लंच ब्रेक के वक्त की भीड़ से भी कम थी. ट्रंप ने इसे "Fake News" का ठप्पा देकर सही ठहराने की कोशिश की.
"मैंने जर्मनी को अपने पैरों पर खड़ा किया!"
ट्रंप ने कहा, “मैंने जर्मनी को खड़ा किया.”
फैक्ट चेक: भाई, जर्मनी पहले से ही एक आर्थिक महाशक्ति था. ट्रंप का इसमें क्या रोल था?
"अमेरिका में बेरोज़गारी की दर सबसे कम है!"
ट्रंप ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में बेरोज़गारी की दर सबसे कम है.
फैक्ट चेक: बेरोज़गारी दर उस वक्त 4.7% थी, जो 2007 के स्तर के बराबर थी. तो ट्रंप का "अब तक की सबसे कम" क्या था?
"क्लाइमेट चेंज एक धोखा है!"
ट्रंप ने क्लाइमेट चेंज को नकारते हुए कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक चाल है.”
फैक्ट चेक: ट्रंप साहब, क्लाइमेट चेंज एक असली खतरा है, जिसे नकारना बस आंखें मूंदने जैसा है.
दूसरा कार्यकाल- 2025 में और भी ज़्यादा झूठ!
अब सोचिए, 2025 आते ही ट्रंप ने दूसरा कार्यकाल शुरू किया और क्या लगा? क्या अब वो सच बोलेंगे? जी नहीं!
अगर किसी से पूछा जाए कि डोनाल्ड ट्रंप को "झूठ बोलने का महारथी" क्यों कहा जाता है, तो शायद आपको 2025 का उनका दूसरा कार्यकाल सबसे बड़ा उदाहरण मिलेगा. किसी भी पॉलिटिकल लीडर का इतना झूठ बोलने का रिकॉर्ड शायद ही कहीं देखने को मिले. और यहीं से ट्रंप की "फैक्ट्स को ट्विस्ट करने वाली जादुई क्षमता" की कहानी शुरू होती है, जिसे वो "Alternative Facts" कहकर लांच करते हैं. जी हां, ये वही ट्रंप हैं, जिनके "झूठ बोलने की संख्या" अब रोजाना औसतन 20 हो चुकी है. मतलब, उनका हर दिन अब एक नया झूठ लेकर आता है, जो कोई आम नेता नहीं कर सकता. क्या इनकी फैक्ट-चेकिंग की कोई ज़रूरत है? नहीं! ट्रंप का मंत्र है, “झूठ बोलो, और अगर पकड़े जाओ तो कह दो - Fake News!”
"कश्मीर विवाद 15डोनाल्ड ट्रंप 2025: झूठों का बादशाह, जो हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहे हैं
00 साल पुराना है!"
"भारत और पाकिस्तान 1500 साल से कश्मीर पर लड़ रहे हैं!" ट्रंप का दावा.
फैक्ट चेक: गजब ट्रंप जी! कश्मीर का विवाद तो 1947 के बाद शुरू हुआ था, और आप इसे 1500 साल पुराना बना रहे हैं. ट्रंप के इतिहास के ज्ञान का क्या कहना!
"हमारा ट्रेड डेफिसिट $2 ट्रिलियन है!"
"हमारा ट्रेड डेफिसिट $2 ट्रिलियन है!"
फैक्ट चेक: यकीन मानिए, असल में यह घाटा $917 बिलियन था. ट्रंप ने एक्स्ट्रा झूठ का मसाला डालकर एक नया रिकॉर्ड बना दिया!
"Grocery prices गिर रही हैं!"
"ग्रोसरी प्राइस अब गिर रही हैं!"
फैक्ट चेक: भाई, मार्च 2025 तक तो महंगाई 2.4% बढ़ चुकी थी. तो "सस्ता हो रहा है" का मतलब ट्रंप के लिए कुछ और ही था!
"हमने बॉर्डर वॉल बनाई!"
"हमने सैकड़ों मील की नई बॉर्डर वॉल बनाई!"
फैक्ट चेक: नया कुछ नहीं, पुराने दीवारों को रिप्लेस किया गया था. ट्रंप की दीवारें भी कुछ इसी तरह के रिपेयर वर्क से ही चमक रही थीं!
"डोनाल्ड ट्रंप का सत्याग्रह"
ट्रंप का सत्याग्रह बस यही है: "झूठ बोलो और अगर पकड़े जाओ तो कह दो - Fake News!"
ट्रंप की दुनिया में क्या होता है?
झूठ भी इतिहास बन सकता है,
गलत भी सही हो सकता है,
और उनकी बयानबाजी तो किसी भी हकीकत से परे हो सकती है.
फैक्ट चेकर्स की हालत ऐसी हो गई है कि उनका सारा दिन सिर पकड़कर बैठना और रात को सोचते रहना "आज फिर ट्रंप ने क्या बोला?" अब एक नियमित काम बन गया है.
झूठों की दीवार जितनी बड़ी होती जाए, उतनी ही दूर ट्रंप का ब्रह्मांड फैलता जा रहा है. अगर इन झूठों को ईंटों की तरह रखा जाए, तो हम चांद से मंगल तक पहुंच सकते हैं. और फिर ट्रंप खुद इसका उद्घाटन करेंगे, “Nobody builds walls better than me. Even in space!”
FINAL PUNCH:
Making Lies Great Again!
- डोनाल्ड ट्रंप, 2025