क्या चमगादड़ खाने से इस देश में फैली रहस्यमयी बीमारी, कैसे हुई 50 से अधिक लोगों की मौत?
कांगो में एक अज्ञात बीमारी ने कोहराम मचा दिया. इस बीमारी की चपेट में आने से 50 से अधिक लोग अपनी जाम गंवा चुके है. यह प्रकोप 21 जनवरी को शुरू हुआ था और बीमार लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है.

स्थानीय डॉक्टरों और WHO के अनुसार, उत्तर-पश्चिम कांगो में एक अज्ञात रहस्यमयी बीमारी से अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीमारी का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि लक्षण प्रकट होने और मृत्यु के बीच का समय बेहद कम है. इस बीमारी का लक्षण 21 जनवरी से शुरू हुआ था और अब तक इसके बीमारी के 419 मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें से 53 लोगों की मौत हो चुकी है.
बिकोरो अस्पताल के चिकित्सा निदेशक, सर्ज नगालेबाटों ने एसोसिएटेड प्रेस से बातचीत में कहा कि अधिकतर मामलों में मरीज केवल 48 घंटे के भीतर दम तोड़ रहे हैं, जो बेहद गंभीर चिंता का विषय है. स्वास्थ्य एजेंसियां इस रहस्यमयी बीमारी की पहचान और रोकथाम के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं.
जब तीन बच्चों ने खाया था चमगादड़ तो...
WHO के अफ्रीका कार्यालय के अनुसार, बोलोको शहर में पहला प्रकोप तब शुरू हुआ, जब तीन बच्चों ने चमगादड़ खाया. इसके बाद रक्तस्रावी बुखार के लक्षण विकसित हुए, और सिर्फ 48 घंटे के भीतर उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद संक्रमण के स्रोत और प्रसार को लेकर गहरी चिंता जताई गई, क्योंकि ऐसे इलाकों में जानवरों से इंसानों में बीमारियां फैलने का खतरा अधिक रहता है, जहां जंगली जानवरों को खाने की प्रथा आम है.
WHO की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में अफ्रीका में इस तरह के प्रकोपों की संख्या में 60% से अधिक की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञ इस बीमारी की पहचान और रोकथाम के लिए गहन जांच कर रहे हैं.
रहस्यमयी बीमारी
कांगो के बोमेटे शहर में 9 फरवरी को रहस्यमयी बीमारी का दूसरा प्रकोप सामने आया. इस प्रकोप के बाद 13 संदिग्ध मामलों के नमूने जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर बायोमेडिकल रिसर्च को भेजे गए. WHO के अनुसार, ये नमूने राजधानी किंशासा में परीक्षण के लिए भेजे गए थे, लेकिन इबोला और मारबर्ग जैसी सामान्य रक्तस्रावी बुखार बीमारियों के लिए सभी टेस्ट नेगेटिव पाए गए. हालांकि, कुछ मरीजों में मलेरिया के लक्षण देखे गए. पिछले साल भी कांगो के एक अन्य हिस्से में फ्लू जैसी रहस्यमयी बीमारी के कारण कई लोगों की मौत हो गई थी, जिससे अब इस नए प्रकोप को लेकर गंभीर चिंता बनी हुई है.