उत्तर कोरिया के हैकरों ने कैसे सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरी को अंजाम दिया? जानकर चौंक जाएंगे आप
उत्तर कोरियाई हैकरों ने इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरी को अंजाम दिया है. हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म Bybit से 100 मिलियन डॉलर से अधिक की चोरी की. बताया जाता है कि हैकर्स ने इस हमले को अंजाम देने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की एक छोटी-सी कमजोरी का फायदा उठाया. यह हमला क्रिप्टो एक्सचेंज पर किया गया, जहां लाखों उपभोक्ताओं के डिजिटल एसेट्स (संपत्तियां) रखे गए थे. जांच में पता चला कि यह हमला उत्तर कोरिया के सरकारी समर्थित हैकरों द्वारा किया गया था.

Crypto Hacking: आज की डिजिटल दुनिया में साइबर हमले आम हो चुके हैं, लेकिन हाल ही में हुआ एक क्रिप्टो हैकिंग स्कैंडल सुर्खियों में है. उत्तर कोरियाई हैकरों ने दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी चोरियों में से एक को अंजाम देते हुए $1.5 बिलियन (लगभग 12,000 करोड़ रुपये) की डिजिटल संपत्ति उड़ा ली. यह घटना उन कमजोरियों को उजागर करती है, जिनका फायदा उठाकर हैकर आसानी से क्रिप्टो बाजार को निशाना बना सकते हैं.
21 फरवरी 2025 की रात Bybit नामक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के सीईओ बेन झोउ को खबर मिली कि उनके प्लेटफॉर्म से 100 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि चोरी हो गई है. इस हमले के पीछे एक साधारण सुरक्षा खामी थी, जिसका फायदा उठाकर हैकरों ने एक्सचेंज के डिजिटल वॉलेट में सेंध लगा दी.
फिशिंग ईमेल और मैलवेयर का इस्तेमाल
हैकर्स ने इस चोरी को अंजाम देने के लिए फिशिंग ईमेल और मैलवेयर का इस्तेमाल किया, जिससे वे प्लेटफॉर्म के सिस्टम में घुसने में सफल रहे. इसके बाद, उन्होंने बड़ी मात्रा में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया और इसे छुपाने के लिए कई लेन-देन किए.
उत्तर कोरिया और क्रिप्टोकरेंसी चोरी के संबंध
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर कोरिया सरकार अपने परमाणु कार्यक्रम और अन्य गतिविधियों के लिए धन जुटाने के लिए इन साइबर हमलों का सहारा लेती है. पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर कोरियाई हैकरों ने कई बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और निवेश प्लेटफॉर्म को निशाना बनाया है. अनुमान है कि उन्होंने 2020 से अब तक $1.5 बिलियन से अधिक की डिजिटल संपत्ति चुरा ली है.
Bybit का रिएक्शन और भविष्य की तैयारी
Bybit के सीईओ बेन झोउ ने कहा कि उनकी कंपनी अब अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए काम कर रही है, ताकि इस तरह के हमलों को भविष्य में रोका जा सके. इसके अलावा, कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को अपग्रेड कर रहे हैं, ताकि वे इस तरह के साइबर हमलों से सुरक्षित रह सकें.
उत्तर कोरिया से जुड़ी हालिया हैकिंग
- 2019 में UpBit पर 41 मिलियन डॉलर की हैकिंग
- एक्सचेंज KuCoin से क्रिप्टो की $275 मिलियन की चोरी
- 2022 रोनिन ब्रिज हमला, जिसमें हैकर्स ने क्रिप्टो में $600 मिलियन की लूट की
- 2023 में एटॉमिक वॉलेट पर हुए हमले में लगभग 100 मिलियन डॉलर की क्रिप्टो चोरी हो गई
- 2020 में, अमेरिका ने लाजरस समूह का हिस्सा होने के आरोपी उत्तर कोरियाई लोगों को अपनी साइबर मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया, लेकिन जब तक वे अपना देश नहीं छोड़ देते, तब तक उनके गिरफ़्तार होने की संभावना बेहद कम है.
क्या यह साइबर हमले रुक सकते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी उद्योग को सुरक्षा उपायों में और सख्ती लाने की जरूरत है. कंपनियों को अपनी सुरक्षा प्रणालियों को अपडेट रखना होगा और उपयोगकर्ताओं को भी साइबर सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि डिजिटल संपत्ति की सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता. यदि उचित कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में इस तरह की चोरियां और भी बढ़ सकती हैं.