कनाडा में सुरक्षा बलों ने भी हिंदुओं को पीटा, मंदिर में प्रवेश करने से भी रोका; Video वायरल
कनाडा हिंदू मंदिर में हुए हमले के बाद पुलिस अधिकारियों द्वारा श्रद्धालुओं पर हमले की जानकारी सामने आई है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा गया कि किस तरह से सुरक्षा बल मंदिर पर प्रवेश करने से रोकते हुए हिंदुओं को मुक्के और डंडों से पीटते नजर आ रहे हैं.

कनाडा में हिंदू मंदिर के अंदर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंदुओं पर हमला किया गया. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है. वीडियो में देखा गया कि कुछ लोग मंदिर में प्रवेश करने के बाद श्रद्धालुओं पर हमला करते हैं. वहीं रविवार जिस मंदिर में हमला हुआ था. उस दौरान स्थानिय पुलिस अधिकारी भी श्रद्धालुओं पर हमला करते हुए नजर आए.
पुलिस अधिकारी की मारपीट वाले वीडियो में स्पष्ट रूप से बल प्रयोग करते हुए और भीड़ के सदस्यों पर हमला करते हुए दिखाया गया है, जिनमें से कुछ भारतीय तिरंगे को लहरा रहे थे.
हिंदुओं पर सुरक्षा बल ने किया हमला
बताया गया कि अधिकारी मंदिर में खालिस्तानी समर्थक और हिंदूओं के बीच का विवाद रुकवाने के लिए पहुंचे थे. लेकिन इस दौरान सुरक्षा बल को ही मंदिर में जाने वाले हिंदुओं को घूंसों और डंडों से पीटते हुए देखा गया. वहीं एक महिला वीडियो में एक पुलिस अधिकारी की ओर इशारा करते हुए उसपर लोगों पर हमला करने का आरोप लगाती है. साथ ही खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों को बचाते हुए कथित तौर पर केवल हिंदू समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए पुलिस की आलोचना करती है.
इसे यहां से बाहर निकालो
देखते ही देखते हालात काफी गंभीर होते चले गए. लोदों ने अधिकारी को वहां से निकालने की अपील कर डाली. लोगों को चिल्लाते हुए सुना गया कि इसे टबाहर निकालो'. वहीं इस घटना पर भारतीय सांसद चंद्र आर्या ने इस घटना को लेकर सवाल खड़े किए हैं. एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों ने आज हदें पार कर ली हैं. कनाडा में हिंदुओं पर हिंसा करना एक उग्रवाद बन गया है. मुझे लगने लगा है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सी सच्चाई है कि कनाडा के राजनीतिक तंत्र के अलावा, खालिस्तानियों ने हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में प्रभावी ढंग से घुसपैठ कर ली है. उन्होंने कहा कि लोगों की स्वतंत्रता के तहत चरमपंथियों को कनाडा में खुली छूट दी जा रही है. हिंदू-कनाडाई लोगों को अपनी सुरक्षा और संरक्षा के लिए आगे आकर अपने अधिकारों का दावा करना चाहिए और राजनेताओं को जवाबदेह ठहराना चाहिए.