क्या एलियन सुन सकते हैं हमारी बातें? NASA और Penn State University के अध्ययन में हुआ खुलासा
NASA और Penn State University के अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी से भेजे जाने वाले रेडियो सिग्नल, जैसे मंगल के रोवर्स और ऑर्बिटर्स को दिए जाने वाले कमांड, सौरमंडल के बाहर फैल सकते हैं और एलियन सभ्यताओं द्वारा पकड़े जा सकते हैं. शोध में बताया गया कि जब पृथ्वी और मंगल किसी एलियन के दृष्टिकोण से सीधी रेखा में हों, तो सिग्नल पकड़े जाने की संभावना 77% तक बढ़ जाती है. यह खोज SETI के लिए नई रणनीति और अंतरिक्ष में पृथ्वी की उपस्थिति को समझने का अवसर देती है.

क्या एलियन हमारी बातें सुन सकते हैं? इस सवाल का जवाब अगर हां हो तो आपके दिमाग में पहला ख्याल यही आएगा कि यह कैसे संभव है. लेकिन नई रिसर्च बताती है कि हमारे ग्रह पृथ्वी से भेजे जाने वाले रेडियो सिग्नल, जैसे कि मंगल ग्रह (Mars) के रोवर्स और ऑर्बिटर्स को दिए जाने वाले कमांड, अंतरिक्ष में अनजाने में फैल सकते हैं और कहीं दूर के एलियन सभ्यताओं तक पहुंच सकते हैं. Pennsylvania State University और NASA के Jet Propulsion Laboratory के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन The Astrophysical Journal Letters में प्रकाशित किया.
शोध के अनुसार, जब वैज्ञानिक मंगल या अन्य ग्रहों पर भेजे गए स्पेसक्राफ्ट से रेडियो कमांड का आदान-प्रदान करते हैं, तो इनमें से कुछ सिग्नल सौरमंडल (Solar System) के बाहर भी फैल जाते हैं. Penn State के ग्रेजुएट स्टूडेंट और अध्ययन के मुख्य लेखक Pinchen Fan का कहना है, “हमारा प्रमुख ध्यान तो हमारे भेजे गए रोवर्स और प्रॉब्स से संवाद करना है. लेकिन Mars जैसे ग्रह पूरे सिग्नल को ब्लॉक नहीं करते, इसलिए किसी दूर के प्लेनेट या स्पेसक्राफ्ट की स्थिति सही हुई तो वे हमारे सिग्नल को पकड़ सकते हैं.”
प्लैनेटरी अलाइनमेंट बनाते हैं एलियंस के लिए खिड़की
अध्ययन में यह भी बताया गया कि जब पृथ्वी और मंगल किसी एलियन के दृष्टिकोण से सीधी रेखा में होते हैं, तो हमारे रेडियो सिग्नल के पकड़े जाने की संभावना बढ़ जाती है. Fan ने बताया, “पिछले 20 साल के डेटा के आधार पर यदि कोई एलियन ऐसी जगह पर हो जहां Earth और Mars की अलाइनमेंट दिखाई दे, तो उनके सिग्नल की राह में आने की संभावना 77% तक है. किसी अन्य सौरमंडल ग्रह के साथ अलाइनमेंट में यह संभावना 12% होती है। लेकिन जब कोई अलाइनमेंट नहीं होता, तो यह संभावना बहुत कम हो जाती है.”
SETI के लिए नई रणनीति
यह खोज न केवल यह संकेत देती है कि पृथ्वी के सिग्नल एलियंस द्वारा पकड़े जा सकते हैं, बल्कि इससे SETI (Search for Extraterrestrial Intelligence) के लिए नई रणनीतियाँ भी बन सकती हैं. जैसे ही हम एलियंस के सिग्नल सुन सकते हैं, वैसे ही वे भी हमारे रेडियो कम्युनिकेशन को सुन सकते हैं.
भविष्य की चुनौतियां और अवसर
शोधकर्ताओं का मानना है कि इन निष्कर्षों से यह विचार भी उठता है कि हमें अपने इंटरप्लेनेटरी कम्युनिकेशन में सतर्क रहना चाहिए. वहीं, एलियंस के सिग्नल का पता लगाने के लिए भी यह अध्ययन एक नई दिशा देता है. इससे न केवल मानवता की अंतरिक्ष में उपस्थिति के बारे में नई जानकारी मिल सकती है, बल्कि अन्य सभ्यताओं की खोज और उनके व्यवहार को समझने का अवसर भी मिलेगा.
इस अध्ययन से यह साफ़ हो गया है कि पृथ्वी केवल एक अकेला ग्रह नहीं है, बल्कि इसके हर रेडियो सिग्नल की संभावित यात्रा सौरमंडल और उससे बाहर तक जा सकती है. यह रिसर्च हमें यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे इंटरप्लेनेटरी संवाद अनजाने में किसी एलियन सभ्यता तक पहुंच सकते हैं और विज्ञान, SETI और अंतरिक्ष सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां और अवसर दोनों प्रस्तुत करते हैं.