कमाल की खोज! अब इंसानी पेशाब से बनेगा कीमती बायो मैटेरियल, हड्डियों और दांतों का इलाज होगा सस्ता
वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है, जिसे Osteoyeast कहा जाता है. यह एक सिंथेटिक यीस्ट प्रणाली है, जो यूरिन से हाइड्रॉक्सीएपाटाइट (HAp) पदार्थ बनाती है. HAp इसकी मदद से दांतों का इम्पलांट किया जाएगा.

दुनिया भर के डॉक्टर्स दिल, दिमाग, किडनी, कैंसर और डेंटल से जुड़ी समस्याओं के लिए नए-नए शोध कर रहे हैं, जिसे दवा, इंजेक्शन तैयार किया जा सके. स्वास्थ्य समस्याओं में एक आम है दांतों में कीड़े लगना या मसूड़ों की नसों का इलाज और इम्प्लांट अब डॉक्टर कमाल कर दिखाया है.
वैज्ञानिकों ने मनुष्य के पेशाब यानी यूरिन का इस्तेमाल ट्रीटमेट में करने की योजना बनाई है. यूरिन सिर्फ खाद या फ्लशिंग पानी बनकर नहीं रहेगा, बल्कि डेंटल/बोन इम्प्लांट के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. इसे को हाइड्रॉक्सीएपाटाइट में बदलने के लिए स्टडी की गई है.
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क्या कहती है नई रिसर्च
कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी इरविन शोधकर्ताओं ने अमेरिकी और जापानी संस्थानों के साथ मिलकर एक शोध किया है. जिसमें यूरिन को हाइड्रॉक्सीएपेटाइट (HAp) के प्रोसेस की खोज की है, जो दांतों के इनेमल और हड्डियों के खनिज का घटक है.
क्या होगा फायदा?
वैज्ञानिकों ने सिंथेटिक यीस्ट प्रणाली तकनीक की खोज की, जिसे शोध में 'Osteoyeast' कहा गया है, जिसका उपयोग यूरिन से हाइड्रॉक्सीएपाटाइट (HAp) बनाने में होता है.
यह यीस्ट यूरिया को तोड़ने के लिए एंजाइम का प्रयोग करती है. यूरिया के टूटने से आसपास के वातावरण का pH बढ़ता है. इस प्रक्रिया में कैल्शियम और फास्फेट आयनों की उपस्थिति में HAp बनता है.
साथ ही हाइड्रॉक्सीएपाटाइट व्यावसायिक रूप से उपयोगी सामग्री बनकर सामने आता है, जिसका उपयोग डेंटल/बोन इम्प्लांट्स, पुरातात्विक मरम्मत, बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों आदि में होता है.
करोड़ों की कीमत में मार्केट में बिकता है HAp
दुनिया में 2030 तक HAp वैश्विक बाजार 3.5 अरब डॉलर पार करने का अनुमान है. प्रति किलोग्राम कीमत 6,656 होगी, क्योंकि 1 डॉलर लगभग 82.95 रुपये के बराबर है. इसलिए HAp उत्पादन को आर्थिक रूप से आकर्षक बनाता है.
क्या बोले वैज्ञानिक?
UC इरविन के प्रोफेसर ऑफ मटेरियल साइंस केडेविड किसेलस (David Kisailus) ने कहा, यह प्रक्रिया एक साथ दो लक्ष्य पूरे करती है. पहला यूरिन को निकालना तो पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करना और बिजनेस के रूप में HAp सामग्री का निर्माण करना. हालांकि मानव यूरिन के इस्तेमाल से पहले उसकी जांच जरूरी है, जिससे कोई बीमारी हो तो पता चल जाए, लेकिन लोगों को इस बारे में जागरूक करने का जरूरत है. क्योंकि यूरिन का इस्तेमाल दांतों के ट्रीटमेंट में सुनकर ही लोग हैरान हो जाएंगे और इलाज के लिए नहीं जाएगा, उन्हें इसके लिए समझाना पड़ेगा.