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2024 में Swiss Banks में 'बूम'! तीन गुना बढ़ी भारतीयों की जमा पूंजी; जमा राशि ₹37,600 करोड़ पार

स्विस नेशनल बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों का कुल धन तीन गुना बढ़कर ₹37,600 करोड़ हो गया, जो 2021 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है. यह वृद्धि मुख्यतः संस्थागत निवेश के चलते हुई, जबकि व्यक्तिगत जमा में मामूली इजाफा हुआ. भारत अब वैश्विक सूची में 67वें से 48वें स्थान पर आ गया है.

2024 में Swiss Banks में बूम! तीन गुना बढ़ी भारतीयों की जमा पूंजी; जमा राशि ₹37,600 करोड़ पार
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 20 Jun 2025 7:47 AM

2024 में स्विस बैंकों में भारतीय धन तीन गुना बढ़कर 3.54 बिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग ₹37,600 करोड़) पर पहुंच गया, जो 2021 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है. स्विस नेशनल बैंक (SNB) की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से भारतीय संस्थानों द्वारा की गई बड़ी पूंजी जमाओं से आई है, जबकि व्यक्तिगत खातों में केवल 11% की मामूली बढ़ोतरी देखी गई.

2023 में भारतीय जमाओं में 70% की गिरावट आई थी, जिससे कुल पैसा 1.04 बिलियन फ्रैंक तक गिर गया था. मगर 2024 की तेज़ रिकवरी इस बात का संकेत है कि वित्तीय संस्थान अब स्विस बैंकिंग प्रणाली का फिर से भरोसेमंद उपयोग कर रहे हैं. इनमें से अधिकांश धनराशि अन्य बैंकों, ट्रस्टों और निवेश साधनों के जरिये रखी गई है, न कि आम नागरिकों के निजी खातों में.

काले धन का आंकड़ा नहीं: स्विस बैंक

SNB ने यह स्पष्ट किया कि इन आंकड़ों में अघोषित या काले धन का कोई ज़िक्र नहीं है. यह सिर्फ उन देनदारियों का लेखा-जोखा है जो स्विस बैंकों ने भारतीय ग्राहकों के नाम दर्ज की हैं. साथ ही इसमें उन भारतीय नागरिकों की संपत्ति शामिल नहीं है जो अन्य देशों की संस्थाओं के माध्यम से खाते संचालित करते हैं.

व्यक्तिगत निवेश अब भी निचले स्तर पर

Bank for International Settlements (BIS) के अनुसार, जो व्यक्तिगत होल्डिंग्स का सटीक माप देता है, भारतीयों के गैर-बैंकिंग जमा और लोन सिर्फ 74.8 मिलियन डॉलर (₹650 करोड़) तक ही पहुंचे हैं. यह अब भी 2007 के उच्चतम स्तर (2.3 बिलियन डॉलर) का मात्र एक छोटा हिस्सा है, जिससे यह साफ होता है कि व्यक्तिगत निवेशकों की तुलना में संस्थागत प्रवाह ही मुख्य कारण रहा.

ग्लोबल रैंकिंग में भारत ने मारी छलांग

2024 में भारत ने स्विस बैंकों में क्लाइंट फंड के लिहाज से वैश्विक रैंकिंग में 67वें स्थान से छलांग लगाकर 48वां स्थान हासिल किया है. हालांकि 2022 में यह 46वें पायदान पर था. इस सूची में यूनाइटेड किंगडम पहले, अमेरिका दूसरे और वेस्टइंडीज तीसरे स्थान पर है. भारत के मुकाबले पाकिस्तान की रैंकिंग गिरी है, जबकि बांग्लादेश ने चौंकाते हुए अपनी जमा में 30 गुना से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की है.

2018 से हो रहा डेटा शेयर

स्विस बैंकों की ओर से भारत के साथ 2018 से वित्तीय सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान किया जा रहा है. इसका उद्देश्य कर चोरी और अवैध संपत्ति पर लगाम लगाना है. विशेषज्ञों का मानना है कि 2024 की यह पूंजी वृद्धि भारत की आर्थिक मजबूती, वैश्विक पूंजी तक पहुंच और टैक्स पारदर्शिता की दिशा में प्रयासों का मिश्रित परिणाम है. इससे यह भी जाहिर होता है कि स्विस बैंक अब केवल गुप्त धन रखने का जरिया नहीं, बल्कि एक औपचारिक वैश्विक निवेश हब बन चुके हैं.

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