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चोट नहीं, फैसला था! शुभमन गिल टी20 टीम से क्यों बाहर हुए? पढ़ें इनसाइड स्टोरी

T20 World Cup 2026 से ठीक पहले टीम इंडिया में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. शुभमन गिल का बाहर होना सिर्फ चोट का मामला नहीं बल्कि टीम मैनेजमेंट के अंदर लिए गए सख्त फैसलों का संकेत है. गौतम गंभीर और अजीत अगरकर की जोड़ी ‘सुपरस्टार कल्चर’ खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जहां प्रदर्शन ही अंतिम पैमाना है. संजू सैमसन को ओपनिंग में मौका और ईशान किशन की वापसी से साफ है कि टीम अब पावर-हिटिंग और स्पष्ट भूमिका पर फोकस कर रही है. गिल के साथ ही नेतृत्व को लेकर बनाई गई शुरुआती योजना भी फिलहाल ध्वस्त होती दिख रही है. टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय क्रिकेट में और बड़े फैसले तय माने जा रहे हैं.

चोट नहीं, फैसला था! शुभमन गिल टी20 टीम से क्यों बाहर हुए? पढ़ें इनसाइड स्टोरी
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( Image Source:  BCCI )

T20 World Cup 2026, Shubman Gill out of T20 team: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे टी20 मैच की सुबह चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर अचानक लखनऊ पहुंचे. शाम होते-होते यह साफ हो गया कि उपकप्तान शुभमन गिल दाएं पैर में लगी चोट के कारण बाकी बचे टी20 मुकाबलों से बाहर हो जाएंगे. हालांकि, कागज़ों पर इसे चोट बताया गया, लेकिन टीम मैनेजमेंट के भीतर चल रही हलचल कुछ और ही कहानी बयां करती है.

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टाइम्स ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, टीम मैनेजमेंट पहले ही गिल को टी20 टीम में ओपनिंग स्लॉट से हटाने का मन बना चुका था. लगातार खराब फॉर्म के चलते गिल को लेकर भरोसा कमजोर पड़ गया था और टी20 वर्ल्ड कप, जो अब सिर्फ 48 दिन दूर है, उससे पहले टीम इंडिया अपने प्लान पर दोबारा विचार कर रही थी.


संजू सैमसन की वापसी, इत्तेफाक नहीं फैसला

पांचवें टी20 में अहमदाबाद में संजू सैमसन का फिर से ओपन करना महज़ संयोग नहीं था. टीम मैनेजमेंट की मंशा साफ थी- टी20 टॉप ऑर्डर में बदलाव. आईपीएल से पहले टीम इंडिया को ब्रेक के दौरान चयनकर्ताओं और कोचिंग स्टाफ ने गिल को भविष्य का ऑल-फॉर्मेट लीडर मानते हुए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया था. इसी वजह से विकेटकीपर बल्लेबाज़ों को मिडिल ऑर्डर में खिसकाया गया.


आईपीएल में संजू सैमसन और ऋषभ पंत दोनों को उनके पसंदीदा नंबर से नीचे बल्लेबाज़ी करनी पड़ी. वहीं शुभमन गिल को टॉप ऑर्डर में लंबा मौका दिया गया, यहां तक कि टी20 वर्ल्ड कप 2024 टीम का हिस्सा न होने के बावजूद उन्हें उपकप्तानी सौंपी गई.

भूमिका की स्पष्टता, लेकिन प्रदर्शन नदारद

पिछले आठ महीनों में शुभमन गिल शायद इकलौते भारतीय बल्लेबाज़ थे जिन्हें सभी फॉर्मेट में अपनी भूमिका को लेकर पूरी स्पष्टता थी. लेकिन कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में मौजूदा टीम मैनेजमेंट ‘सुपरस्टार कल्चर’ को खत्म करने की सोच पर काम कर रहा है. ऐसे में गिल का बाहर होना एक कड़ा संदेश है- चाहे आप भविष्य का चेहरा ही क्यों न हों, प्रदर्शन के बिना कोई जगह सुरक्षित नहीं.



हालांकि, सवाल टीम मैनेजमेंट की प्लानिंग पर भी उठता है. गिल को टी20 में दोबारा ओपनर बनाने का मकसद था कि वह रनरेट से समझौता किए बिना पारी को संभाल सकें, ठीक वैसे ही जैसे लंबे समय तक विराट कोहली करते रहे, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हो सका.

गिल पर तेजी से रन बनाने का दबाव था

टीम से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “गिल पर ऊपर से तेजी से रन बनाने का दबाव था. युवा टी20 टीम का पूरा कॉन्सेप्ट ही हाई रनरेट पर विपक्ष को दबाव में रखने का था. गिल इस संतुलन को साध नहीं पाए.”

पावर-हिटिंग पर असर, गेंदबाज़ों पर दबाव

गिल की धीमी स्ट्राइक रेट का असर पूरी टीम पर पड़ा. पावर-हिटिंग कमजोर हुई और दबाव गेंदबाज़ों पर लौट आया. कप्तान सूर्यकुमार यादव खुद खराब फॉर्म से जूझ रहे थे, ऐसे में बाकी बल्लेबाज़ खुलकर नहीं खेल पाए. विकेटकीपर बल्लेबाज़ के ऊपर आने से अब टीम को अतिरिक्त पावर और गहराई मिली है.


टेस्ट से लौटे खिलाड़ी भी बाहर

टीम के भीतर यह भी चर्चा रही कि सूर्यकुमार यादव टेस्ट ड्यूटी से लौटने वाले खिलाड़ियों के कारण टीम कॉम्बिनेशन के बार-बार बिगड़ने से खुश नहीं थे. नतीजा यह हुआ कि 2024 टी20 वर्ल्ड कप के बाद टेस्ट क्रिकेट पर फोकस करने को कहे गए तीन खिलाड़ी—शुभमन गिल, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल, अब फरवरी-मार्च में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप से बाहर हैं. टीम मैनेजमेंट को मजबूरी में दो साल बाद ईशान किशन को वापस बुलाना पड़ा.

टी20 वर्ल्ड कप के बाद बड़ा तूफान तय?

अजीत अगरकर और गौतम गंभीर मिलकर अगले दशक के लिए स्थिर टीम बनाना चाहते हैं, लेकिन अब तक खिलाड़ियों की भूमिकाएं तय नहीं हो पाई हैं. गंभीर की ‘हॉर्सेज फॉर कोर्सेज’ नीति के बीच यह भी साफ हो गया है कि भविष्य के लीडर को तैयार करने की शुरुआती योजना फिलहाल ध्वस्त हो चुकी है.

“टी20 वर्ल्ड कप के बाद और भी सख्त फैसले लिए जाएंगे”

सूत्रों के मुताबिक, “टी20 वर्ल्ड कप के बाद और भी सख्त फैसले लिए जाएंगे. लीडरशिप को लेकर शुरुआती प्लान फेल हो चुका है. चाहे सूर्यकुमार का टूर्नामेंट अच्छा ही क्यों न जाए, नए लीडर को तैयार करना पड़ेगा.”



कागज़ों पर टीम अब ज्यादा संतुलित दिखती है. न्यूजीलैंड के खिलाफ जनवरी में होने वाली पांच टी20 मैचों की सीरीज़ शायद आखिरी मौका होगी, जहां टीम मैनेजमेंट अपनी अंतिम रणनीति को परख सके.



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