Pahalgam Attack के बाद बड़ी साजिश! शहबाज-चीन मीटिंग में क्या पक रहा है?
इस्लामाबाद में चीन के राजदूत जियांग झैडोंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई. यह मीटिंग जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों की रणनीतिक चिंताओं पर केंद्रित रही. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी.

इस्लामाबाद में चीन के राजदूत जियांग झैडोंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई. यह मीटिंग जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों की रणनीतिक चिंताओं पर केंद्रित रही. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें बड़ी संख्या में पर्यटक शामिल थे. मुलाकात गुरुवार को हुई थी, लेकिन इसकी आधिकारिक जानकारी शुक्रवार को साझा की गई.
पाकिस्तान में स्थित चीनी दूतावास ने बयान में बताया कि चीन ने फिर से भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है. राजदूत जियांग झैडोंग ने स्पष्ट किया कि चीन न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा चिंताओं को समझता है, बल्कि उसकी क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन भी करता है. चीन का मुख्य फोकस इस बात पर है कि दोनों देश कूटनीतिक वार्ता के जरिए हालात को सामान्य करें ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे.
आखिर क्या चाहता है पाकिस्तान?
शहबाज शरीफ ने इस बातचीत में माना कि पाकिस्तान वर्तमान हालात पर लगातार अन्य पक्षों के संपर्क में है ताकि समन्वय बना रहे और स्थिति और ना बिगड़े. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने भी कहा कि एशिया की स्थिरता के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करना बेहद अहम है। चीन उन सभी प्रयासों का समर्थन करता है जो दक्षिण एशिया में शांति स्थापित कर सकें.
दूसरी ओर, पाकिस्तान के अंदर हालात लगातार अस्थिर हैं. सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं और उन पर जिया-उल-हक की तरह सत्ता-केंद्रित होने के आरोप लग रहे हैं. साथ ही विपक्षी नेता और इमरान खान के समर्थक सरकार और सेना की नीतियों पर तीखा सवाल उठा रहे हैं. बांग्लादेश के रिटायर्ड जनरल ए एल एम फजलुर रहमान का विवादास्पद बयान भी सुर्खियों में है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है तो बांग्लादेश को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर नजर रखनी चाहिए.