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PoK की आवाज दबाने की कोशिश! इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब में पाक पुलिस ने पत्रकारों को पीटा | Video

इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब में पाकिस्तान पुलिस ने पत्रकारों पर हमला किया, उन्हें पीटा और कैमरे तोड़ दिए. यह घटना PoK (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में जारी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से जुड़ी बताई जा रही है. पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने हमले की कड़ी निंदा की और तत्काल जांच की मांग की है. गृह मंत्री ने अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया. पत्रकारों और पूर्व दूत मलीहा लोधी ने भी इस हमले की निंदा करते हुए जवाबदेही की मांग की है.

PoK की आवाज दबाने की कोशिश! इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब में पाक पुलिस ने पत्रकारों को पीटा | Video
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( Image Source:  X/Tahirnaser )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 3 Oct 2025 10:23 AM

2 अक्टूबर को इस्लामाबाद से सामने आए एक वीडियो ने पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वीडियो में दिख रहा है कि इस्लामाबाद पुलिस ने नेशनल प्रेस क्लब में घुसकर पत्रकारों पर हमला किया. उन्हें पीटा, घसीटा गया और उनके कैमरे तक तोड़ दिए गए. इस हमले को PoK (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में पिछले 6 दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन से जोड़ा जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्लामाबाद प्रेस क्लब में PoK के वकील और एक्टिविस्ट शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने अचानक हमला किया और प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों पर भी क्रूर कार्रवाई की. यह घटना इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान में उन आवाजों को दबाने की कोशिश की जा रही है जो सत्ता या प्रशासन की आलोचना करती हैं.

मानवाधिकार आयोग ने की निंदा

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने सोशल मीडिया पर इस घटना की कड़ी निंदा की. HRCP ने कहा कि नेशनल प्रेस क्लब पर छापे और पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ गंभीर क़दम हैं. आयोग ने तत्काल जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सजा की मांग की.

गृह मंत्री ने दिए जांच के आदेश

पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ हिंसा किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जा सकती. गृह मंत्री ने पुलिस महानिरीक्षक से रिपोर्ट मांगी और कहा कि घटना में शामिल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.

पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल

एनआई की रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार जाहिद गिश्कोरी ने सवाल उठाया कि प्रेस क्लब जैसे सुरक्षित स्थान को कैसे लक्ष्य बनाया गया. उन्होंने लिखा कि यह हमला पत्रकारों के लिए असुरक्षा की चिंता पैदा करता है और मीडिया संगठनों को एकजुट होने की आवश्यकता है. गिश्कोरी का कहना था कि यह घटना पाकिस्तान में स्वतंत्र आवाज़ों को दबाने की कोशिश है.

पूर्व दूत ने की हमले की निंदा

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पूर्व दूत मलीहा लोधी ने भी इस हमले की निंदा की. उन्होंने ट्वीट किया कि यह निंदनीय घटना है और जवाबदेही तय की जानी चाहिए. उन्होंने पूछा कि इस कार्रवाई को किसने अधिकृत किया और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया.

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