'अल्पसंख्यकों पर हमला भारत के लिए मुद्दा नहीं हो सकता', बांग्लादेश ने दिया चौंकाने वाला बयान
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमला भारत के लिए कोई मुद्दा नहीं हो सकता. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, यह उसका आंतरिक मामला है. जयशंकर ने कहा था कि यह बांग्लादेश पर निर्भर करता है कि वह भारत के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है.

Minorities Attack In Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हालात बद से बदतर हो गए हैं. उनके जाने के बाद से यहां अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं. खासकर हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं. उनके धार्मिक स्थलों को भी लगातार निशाना बनाया जा रहा है. जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर चिंता व्यक्त की तो बांग्लादेश ने बेहद ही गैर जिम्मेदाराना और चौंकाने वाला बयान दिया.
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमला भारत के लिए कोई मुद्दा नहीं हो सकता. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, यह उसका आंतरिक मामला है. इसके पहले, जयशंकर ने कहा था कि यह बांग्लादेश पर निर्भर करता है कि वह भारत के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है.
'बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर आई हमलों की बाढ़'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की बाढ़ आ गई है. इसके बारे में हमें बोलना चाहिए. जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश की अपनी राजनीति है, लेकिन आखिरकार दोनों पड़ोसी हैं. उन्हें इस बारे में खुद तय करना होगा कि वे हमारे साथ किस तरह का रिश्ता रखना चाहते हैं.
'भारत भी तय करे कि वह बांग्लादेश के साथ कैसा रिश्ता चाहता है'
जयशंकर के इस बयान के बारे में जब मोहम्मद तौहीद हुसैन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, बांग्लादेश अपना रुख खुद तय करेगा, लेकिन साथ ही यह भारत को भी तय करना होगा कि वह बांग्लादेश के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है. यह आपसी मामला है. ऐसा कहने में कुछ भी गलत नहीं,
'हम आपसी समझ पर आधारित संबंध चाहते हैं'
तौहीद हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश का भारत के साथ अपने संबंधों पर स्पष्ट रुख है. हम आपसी समझ पर आधारित संबंध चाहते हैं. हमारी स्थिति में कोई अस्पष्टता नहीं है. उन्होंने दावा किया कि भारतीय मीडिया द्वारा अल्पसंख्यकों पर हमले को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है. मेरा मानना है कि हस्तक्षेप न करने की नीति का पालन किया जाना चाहिए.