भारत को चीन-रूस की ओर मत धकेलो, जल्द रिश्ते बहाल करो... 50 फीसदी टैरिफ पर भड़के अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को दी चेतावनी
अमेरिकी सांसदों के एक समूह, जिसमें भारतीय-अमेरिकी सदस्य भी शामिल हैं, ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिखकर भारत के साथ संबंध बहाल करने की मांग की है. सांसदों ने चेताया कि ट्रंप सरकार की टैरिफ नीतियों ने भारत को चीन और रूस के करीब धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि इन नीतियों से दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों को नुकसान पहुंचा है. सांसदों ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का अहम सहयोगी बताते हुए जल्द कदम उठाने की अपील की.

US lawmakers letter to Donald Trump on India: अमेरिका और भारत के बीच हालिया तनावपूर्ण रिश्तों को लेकर अब अमेरिकी संसद से आवाज उठी है. 19 अमेरिकी सांसदों के एक समूह, जिसमें कई भारतीय-अमेरिकी सदस्य भी शामिल हैं, ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र लिखकर भारत से संबंध सुधारने और व्यापारिक तनाव को खत्म करने की अपील की है. सांसदों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति ने भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास पैदा कर दी है और इससे भारत चीन और रूस जैसे देशों के करीब जा रहा है.
इस पत्र का नेतृत्व कांग्रेसवुमन डेबोरा रॉस और भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने किया. उन्होंने बयान में लिखा, “आपकी सरकार की हाल की नीतियों ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ अमेरिका के रिश्तों को नुकसान पहुंचाया है. इससे दोनों देशों के लिए नकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप तत्काल कदम उठाएं और इस महत्वपूर्ण साझेदारी को दोबारा मजबूत करें.”
'चीन और रूस के साथ अपने कूटनीतिक और आर्थिक रिश्ते गहरा कर रहा भारत'
सांसदों ने चेतावनी दी कि भारत पर बढ़ते अमेरिकी दबाव और टैरिफ नीतियों के चलते नई दिल्ली अब चीन और रूस के साथ अपने कूटनीतिक और आर्थिक रिश्ते गहरा रही है, जो अमेरिका के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि भारत, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता का एक अहम स्तंभ है और क्वाड ग्रुप (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत) का एक प्रमुख सदस्य होने के नाते चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
गौरतलब है कि पिछले महीने राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और चीन के संबंधों को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था, “हमने भारत और रूस दोनों को चीन की गहराई में खो दिया है.”
'भारतीय बाजार पर निर्भर हैं अमेरिकी कंपनियां'
पत्र में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी कंपनियां भारतीय बाजार पर निर्भर हैं. अमेरिकी उद्योग भारत से सेमीकंडक्टर, हेल्थकेयर, एनर्जी और अन्य कई क्षेत्रों के लिए अहम इनपुट प्राप्त करते हैं. वहीं, भारतीय कंपनियों ने भी अमेरिका में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिससे रोजगार और आर्थिक अवसर पैदा हुए हैं.”
सांसदों ने ट्रंप की टैरिफ नीति को बताया 'अनियंत्रित और हानिकारक'
सांसदों ने ट्रंप की टैरिफ नीति को “अनियंत्रित और हानिकारक” बताते हुए कहा कि इससे अमेरिकी परिवारों पर महंगाई का बोझ बढ़ रहा है और वैश्विक स्तर पर अमेरिकी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा कम हो रही है.
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर लगाया 50% तक का आयात शुल्क
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर 50% तक का आयात शुल्क (टैरिफ) लगा दिया था- जो दुनिया में सबसे अधिक है। इसका कारण भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद जारी रखना बताया गया. हालांकि, भारत ने इस पर सफाई दी थी कि उसका तेल खरीदने का फैसला पूरी तरह बाजार आधारित (Market Driven) है और इससे उसकी राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होती है. अब सवाल यह है कि क्या ट्रंप प्रशासन इन सांसदों की अपील पर गौर करेगा और भारत-अमेरिका संबंधों को नए सिरे से सुधारने की दिशा में कदम उठाएगा, या फिर यह व्यापारिक टकराव दोनों देशों को और दूर ले जाएगा.