गाजा के गुस्से में जल उठी अमेरिका की सड़कें, जानें कौन है हमलावर मोहम्मद सबरी सोलिमन
कोलोराडो के बोल्डर स्थित पर्ल स्ट्रीट मॉल में ‘रन फॉर देयर लाइव्स’ प्रदर्शन उस समय दहशत में बदल गया जब 45-वर्षीय मोहम्मद सबरी सोलिमन ने ‘फ्री फिलस्तीन’ चिल्लाते हुए अस्थायी फ्लेमथ्रोवर से आग बरसाई. छह लोग झुलसे; हमलावर घायल अवस्था में पकड़ा गया. FBI ने घटना को लक्षित आतंकी हमला बताया. सांसद शशि थरूर ने चिंता जताते हुए राहत जताई कि कोई मौत नहीं हुई.

अमेरिका के कोलोराडो राज्य में बोल्डर शहर के मशहूर पर्ल स्ट्रीट मॉल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक प्रदर्शन में अचानक आगजनी और चीख-पुकार गूंज उठी. ‘रन फॉर देयर लाइव्स’ नाम से हो रहे इस आयोजन में लोग इजराइली बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे थे. लेकिन यह प्रदर्शन हिंसक तब हो गया जब एक व्यक्ति ने फ्लेमथ्रोवर से हमला कर दिया. फ्लेम थ्रोवर को मोलोटोव कॉकटेल कहा जाता है. इस हमले में कम से कम छह लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने मौके से एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है.
साथ ही कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोलोराडो के बोल्डर शहर में हुए आतंकी हमले पर गहरी चिंता जाहिर की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को इस घटना की जानकारी मिलने के बाद गहरी चिंता हुई. हालांकि, उन्होंने राहत की बात भी कही कि इस हमले में किसी की जान नहीं गई.
कौन है मोहम्मद सबरी सोलिमन?
FBI एजेंट मार्क मिचलेक के अनुसार, हमलावर की पहचान 45 वर्षीय मोहम्मद सबरी सोलिमन के रूप में हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सबरी ने हमला करने से पहले जोर-जोर से ‘फिलिस्तीन को आज़ाद करो’ चिल्लाया और उसके बाद एक अस्थायी फ्लेमथ्रोवर से लोगों पर आग के शोले फेंके. घटना के बाद पुलिस ने उसे भी घायल अवस्था में पकड़ लिया और इलाज के लिए अस्पताल भेजा. प्रारंभिक जांच में इस घटना को एक 'लक्षित आतंकवादी हमला' बताया गया है. शुरुआती जांच में उसके किसी संगठित आतंकी नेटवर्क से जुड़े होने के प्रमाण नहीं मिले. घर से बरामद नोटबुक में ‘फ़्री फ़िलिस्तीन’ और ‘ज़ायोनीवादियों का अंत’ जैसी उग्र पंक्तियां हैं, जिससे यह साफ़ है कि विचारधारा ने अकेले ही उसे हथियार उठाने को प्रेरित किया.
घटना के पीछे क्या संदेश था?
सबरी सोलिमन ने न केवल हमला किया, बल्कि हमले के दौरान कई विवादित नारे भी लगाए. ‘ज़ायोनीवादियों को खत्म करो’, ‘वे आतंकवादी हैं’ जैसी बातें कहते हुए उसने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया. इसके पीछे यह माना जा रहा है कि सबरी इजराइल के गाजा युद्ध में की गई कार्रवाइयों से आक्रोशित था. उसके बयान और हरकतें यह बताती हैं कि वह इस हमले को एक राजनीतिक और वैचारिक प्रतिरोध के रूप में अंजाम दे रहा था.
एक अकेला कट्टरपंथी या बड़ी सोच का मोहरा?
मोहम्मद सबरी सोलिमन के सोशल मीडिया प्रोफाइल और पृष्ठभूमि की जांच अभी जारी है. लेकिन शुरुआती संकेतों से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि वह फिलिस्तीन की आज़ादी का प्रबल समर्थक रहा है और गाजा में बच्चों और महिलाओं की मौतों को लेकर गुस्से में था. सवाल यह उठता है कि क्या सबरी किसी संगठित नेटवर्क का हिस्सा था, या यह हमला उसका निजी उग्र प्रतिरोध था? FBI इस सवाल का जवाब तलाश रही है.
क्या है मोलोटोव कॉकटेल?
मोलोटोव कॉकटेल एक घरेलू, अस्थायी विस्फोटक उपकरण है जिसे मुख्य रूप से आग लगाने के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जाता है. यह एक कांच की बोतल में ज्वलनशील तरल (जैसे पेट्रोल या गैसोलीन) भरकर बनाया जाता है और उसकी मुंह पर एक चीर या कपड़े की बाती लगाई जाती है जिसे फेंकने से पहले जलाया जाता है. जब बोतल किसी सतह से टकराती है, तो वह टूट जाती है और उसमें भरी आग पकड़ चुकी सामग्री तेजी से फैलती है, जिससे आसपास आग लग जाती है. इसका प्रयोग आमतौर पर विरोध प्रदर्शनों, दंगों या गुरिल्ला हमलों में किया जाता है, क्योंकि इसे बनाना आसान और सस्ता होता है. फिनलैंड-रूस युद्ध के दौरान इसका नाम "मोलोटोव कॉकटेल" पड़ा, जो सोवियत विदेश मंत्री व्याचेस्लाव मोलोटोव के नाम पर व्यंग्य में रखा गया था.
अमेरिका में बढ़ता ध्रुवीकरण
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब गाजा में जारी युद्ध को लेकर अमेरिका में गुस्सा और असंतोष लगातार बढ़ रहा है. इजराइल के समर्थन और गाजा में बड़े पैमाने पर हुई मौतों के चलते अमेरिका में यहूदी और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव की लकीरें गहरी होती जा रही हैं. अमेरिका, इजराइल का सबसे बड़ा सहयोगी होने के नाते लगातार निशाने पर रहा है, और इस बार निशाना बने आम प्रदर्शनकारी.
क्या यह एक अलग घटना थी?
पिछले महीने वॉशिंगटन डीसी में भी दो इजराइली दूतावास कर्मचारियों की हत्या की खबर सामने आई थी. उस केस में भी संदिग्ध हमलावर इलियास रोड्रिगेज को फिलिस्तीन के समर्थन से जोड़कर देखा गया. ऐसे में यह साफ होता जा रहा है कि अमेरिका के भीतर फिलिस्तीन समर्थक गुस्सा एक खतरनाक मोड़ ले रहा है और यह प्रदर्शन अब उग्र रूप लेने लगे हैं.