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कोई हमारी मदद करो! US से निकाले जाने के बाद पनामा के एक होटल में रोते-बिलखते नजर आए 300 Deportees

US Deportees: अमेरिकी सरकार ने हाल में अवैध रूप से यूएस में रह रहे प्रवासियों को बाहर निकाल दिया है. एक अभियान के तहत उन्हें उनके देश वापस भेजा जा रहा है. अब अपनी वतन लौटे की तैयारी करने वाले 300 प्रवासियों को पनामा के एक होटल में रखा गया है, इनमें भारतीय भी शामिल हैं. अब यह होटले से रोते और लोगों से मदद मांगते नजर आ रहे हैं.

कोई हमारी मदद करो! US से निकाले जाने के बाद पनामा के एक होटल में रोते-बिलखते नजर आए 300 Deportees
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( Image Source:  @TrendXNow )

US Deportees: अमेरिका का डोनाल्ड ट्रम्प सरकार ने हाल ही में यूएस में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को बाहर निकाल दिया था. सरकार ने गलत तरीके के सीमा पार करके अमेरिका में आए डंकी लोगों के खिलाफ यह एक्शन लिया है. इनमें भारत समेत कई देशों के नागरिक शामिल हैं. इस बीच पनामा के एक होटल से लोगों के रोते-बिलखते वीडियो सामने आए हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पनामा के एक होटल में भारतीयों सहित कम से कम 300 लोगों को हिरासत में लिया गया है. यह ट्रम्प सरकार की ओर से चलाए जा रहे अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने के अभियान में शामिल हैं. वह अमेरिका से बाहर निकालने के बाद अपने देश लौटने का इंतजार कर रहे हैं. सभी जोर-जोर से रोते और मदद की भीख मांगते नजर आ रहे हैं.

होटल में कैद डिपोर्ट हुए लोग

नामा के एक होटल में 300 डिपोर्ट लोगों को रखा गया है, जिन्हें वापस उनके देश भेजा जाएगा. इनमें ईरान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन सहित विभिन्न देशों नागरिक शामिल हैं. पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो के अनुसार, इन प्रवासियों को एक होटल में रखा जा रहा है, जहां उन्हें पनामा और अमेरिका के बीच एक प्रवास समझौते के हिस्से के रूप में मेडिकल सर्विस और खाना दिया जा रहा है. हालांकि, उन्हें होटल छोड़ने की अनुमति नहीं है, जब तक कि अंतर्राष्ट्रीय अधिकारी उनके मूल देशों में वापसी की व्यवस्था नहीं कर लेते. तब तक उन्हें होटल के कमरे में ही बंद रहना पड़ेगा.

मदद की गुहार लगाते डिपोर्ट हुए लोग

अमेरिका से निर्वासित इन 300 लोगों में 40 फीसदी से ज्यादा ऐसे हैं जो अपने देश वापस नहीं जाना चाहते और यूएस में ही रहना चाहते हैं. कुछ ने तो अपने होटल के कमरे की खिड़कियों पर हताशा भरे मैसेज चिपकाएं हैं, जिसमें "मदद" की गुहार लगाई गई है और कहा गया है कि "हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं". अब्रेगो ने बताया कि 299 निर्वासितों में से 171 ने अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की सहायता से अपने-अपने देशों में लौटने पर सहमति व्यक्त की है.

अब्रेगो ने कहा, 128 प्रवासियों पर अभी भी कार्रवाई की जा रही है, और तीसरे देशों में खोजने के प्रयास किए जा रहे हैं. एक निर्वासित आयरिश नागरिक पहले ही अपने देश लौट चुका है, जबकि जो लोग अपने देशों में लौटने से इनकार करते हैं, उन्हें डेरियन प्रांत में एक सुविधा में अस्थायी रूप से रखा जाएगा. पनामा और अमेरिका के बीच हुए इस समझौते की घोषणा इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की यात्रा के बाद की गई थी.

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