प्रयागराज महाकुंभ का 13 जनवरी को आगाज हुआ. पहले दिन पौष पूर्णिमा पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. आज महाकुंभ के दूसरे दिन मकर संक्रांति पर पहले अमृत स्नान पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. हर कोई इस पावन मौके पर संगम में आस्था की डुबकी लगाना चाहता है. ऐसी मान्यता है कि अमृत स्नान करने से पाप धूल जाते हैं और मन को शांति मिलती है. आइए जानते हैं कि अमृत स्नान का महत्व क्या है, यह परंपरा कैसे शुरू हुई और इसके वैज्ञानिक और आध्यात्मिक फायदे क्या हैं...