IPS असलम खान नाम से मुसलमान हैं, लेकिन आत्मा श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन है. वे एक सख़्त पुलिस अफसर हैं, जो राधे-राधे करती हैं, मंदिर जाती हैं, और हर मज़हब की इज़्ज़त करती हैं. असलम खान की ज़िंदगी यह संदेश देती है कि धर्म दीवार नहीं, पुल होता है, जो इंसानियत, आस्था और प्रेम से बना होता है. असलम खान आधी सैलरी दूसरों की मदद में खर्च करती हैं. वे कहती हैं- पुलिसवाला सिर्फ कानून का रक्षक नहीं, इंसानियत का प्रतिनिधि भी होना चाहिए.