Crime, Power & Politics: कैसे 'सीवान का सुल्तान' शहाबुद्दीन बना बिहार का सबसे खतरनाक बाहुबली?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गरम है, नेता बदल रहे हैं, नारों का शोर बढ़ रहा है, और हर गली-मोहल्ले में सियासत की गंध है. लेकिन इस चुनावी कोलाहल में एक नाम है, जिसकी गैर-मौजूदगी आज भी सीवान की हवा में महसूस होती है - मो. शहाबुद्दीन, उर्फ़ सीवान का सुल्तान. शहाबुद्दीन कोई आम नाम नहीं था. वह बिहार की उस राजनीति का चेहरा था, जहां अपराध और सत्ता की सीमाएं एक-दूसरे में घुलमिल गई थीं. वह लालू प्रसाद यादव के राजनैतिक प्रयोगशाला से निकला सबसे ताकतवर 'होम प्रोडक्ट' था - एक ऐसा नेता जिसने डर को ही अपना परिचय बना लिया. कभी पीएचडी धारक पॉलिटिकल साइंस के छात्र रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जेल की सलाखों के भीतर भी ताकत की परिभाषा बदल दी. लालू यादव के राजनीतिक दौर में वह ‘जेल से चलने वाली सियासत’ का प्रतीक बन गया. आरजेडी ने उसकी बाहुबली छवि का भरपूर इस्तेमाल किया. “धाकड़” की इस विशेष कड़ी में, स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम संजीव चौहान उन सभी परतों को खोलते हैं जो एक ऐसे इंसान की कहानी बनाती हैं - जो कभी लालू यादव की सियासी ताकत का सबसे बड़ा हथियार था और अंत में जेल की दीवारों में दफन हो गया.