5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के भारत में राजनीतिक शरण लेने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में गहरी खटास आ गई. इसके बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा और कथित रूप से अंतरिम सरकार के संरक्षण में हो रहे हमलों ने अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ा दी. 18 दिसंबर 2025 को शेख हसीना के कट्टर विरोधी और छात्र आंदोलन के अगुवा शरीफ उस्मान बिन हादी उर्फ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत के बाद बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस उठा. इस पृष्ठभूमि में यह सवाल अहम हो गया है कि अस्थिर होता बांग्लादेश किस दिशा में जा रहा है और उसका भारत की सुरक्षा, सीमावर्ती राज्यों और क्षेत्रीय संतुलन पर क्या असर पड़ेगा. इन्हीं मुद्दों पर स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम इन्वेस्टिगेशन) संजीव चौहान ने भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी से एक्सक्लूसिव बातचीत की....