‘भेड़िया नही सियार कहो…’ बाराबंकी में ग्रामीणों पर दबाव बना रहा विभाग
ग्रामीणों का कहना है कि जंगली जानवर रोज आबादी क्षेत्र में देखा जा रहा है. आए दिन हमले भी कर रहा है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों को दिख ही नहीं रहा.

उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के लोग एक तरफ भेड़िए के खौफ में हैं, वहीं दूसरी ओर वन विभाग अलग से परेशान कर रहा है. भेड़िए को पकड़ने में नाकाम वन विभाग अब ग्रामीणों पर दबाव बना रहा है कि लोग वह भेड़िए का नाम भी ना लें. बल्कि उन्हें कहा जा रहा है कि सियार हमला कर रहा है.ऐसे हालात में लोगों का घर से निकल पाना भी दूभर हो गया है. बच्चों नेस्कूल जाना बंद कर दिया है. लोग शाम ढलते ही घरों के दरवाजे बंद कर दे रहे हैं. सोते समय हर आदमी अपने पास लाठी डंडा रख ले रहा है. वहीं गांवों लोग अब अपनी सुरक्षा खुद करने के लिए पहरेदारी करने लगे हैं.
दूसरी ओर, वन विभाग की पूरी टीम लगने के बावजूद अभी तक पता नहीं चल सका है कि आखिर हमला करने वाला भेड़िया है कि सियार. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी हवाई दावे कर रहे हैं. बल्कि अब वह लोगों पर दबाव बना रहे हैं कि भेड़िए का कोई नाम भी ना ले. बल्कि लोग कहें कि सियार हमला कर रहा है. ताजा मामला बाराबंकी में हरख वन क्षेत्र का है. इस इलाके में कई दिन से जंगली जानवरों की दहशत है. इस दहशत की वजह लोग अपने खेतों में भी जाने से भरसक बच रहे हैं. अभी बीते मंगलवार को यहां गोछौरा गांव में रहने वाली महिला रिजवाना बकरी चराने गई हुई थी.
भेड़िए को सियार बताने का दबाव
जहां जंगली जानवर ने उसके ऊपर हमला किया था. वन विभाग का दावा है कि उन्हें क्षेत्र में भेड़िए के होने के कोई सबूत नहीं है. ऐसे में संभावना है कि कोई सियार अक्रामक हो गया हो. उधर, ग्रामीणों का दावा है कि उनके गांव में भेड़िया ही घूम रहा है. लोगों ने उसे देखा है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी लोगों से जबरन कहलवा रहे हैं कि भेड़िया नहीं सियार है. ग्रामीणों का आरोप है कि यह जानवर रोज ही गांव में घूमते हुए देखा जा रहा है और आए दिन हमले भी कर रहा है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों को यह नजर ही नहीं आता. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें अब तक ऐसा कोई संदिग्ध जानवर नहीं दिखा है.