37 भारतीयों को सजा-ए-मौत, अमेरिका के फैसले से भारत हैरान, जानिए क्यों सुनाई ऐसी सजा?
अमेरिका में 3 अमेरिकी नागरिक और 37 भारतीय नागरिक को मौत की सजा सुनाई गई है. इन लोगों पर डेमोक्रेटिव रिपब्लिक ऑफ कांगो में तख्तापटल करने की कोशिश करने का आरोप है.

America News: अमेरिका में एक साथ 40 नागरिकों को मौत की सजा सुनाने का मामला सामने आया है. डेमोक्रेटिव रिपब्लिक ऑफ कांगो में तख्तापटल करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ ये सजा-ए-मौत दिए जाने का फैसला सुनाया गया है. इन लोगों में 3 अमेरिकी नागरिक और 37 भारतीय नागरिक शामिल हैं. जानकारी के अनुसार इन लोगों ने भारी हथियारों के साथ कांगो की राजधानी किंशासा के प्रेजिडेंट हाउस पर कब्जा कर लिया था.
हालांकि सेना ने तख्तापलट करने आए सशस्त्र नामजदों के लीडर को मार दिया था, जो कि अमेरिकी मूल का एक कंगोलियाई नेता था. इस मामले में क्रिश्चियन मालांग के बेटे मार्सेल मालांग को भी आरोपी बनाया गया था. इसके अलावा मार्सेल के ट्रेड पार्टनर रह चुके अमेरिकी बेंजामिन जलमैन पर भी केस दर्ज किया गया और उन्हें दोषी पाया गया.
दोषियों को मौत की सजा
जानकारी के मुताबिक तीनों आपराधियों को साजिश, आतंकवाद और अन्य आरोपों में दोषी साबित होने पर मौत की सजा सुनाई गई है. वहीं मालांगा ने कोर्ट में बताया कि, वो प्लान का हिस्सा नहीं था. इसलिए उसके पिता ने मारने की धमकी दी है. यह पहली बार था जब वह अपने पिता के निमंत्रण पर कांगो आए थे.
कांगो सेना का बयान
कांगो सेना ने कहा कि मलंगा को अपने सोशल मीडिया पर हमले की लाइव-स्ट्रीमिंग करने के तुरंत बाद गिरफ्तारी का विरोध करते समय गोली मार दी गई थी. उनकी मां, ब्रिटनी सॉयर ने कहा है कि उनका बेटा निर्दोष है और वह केवल अपने पिता का अनुसरण कर रहा था, जो खुद को निर्वासन में एक छाया सरकार का राष्ट्रपति मानते थे. टायलर थॉम्पसन जूनियर, जो छोटे मालंगा के साथ यूटा से अफ्रीका गए थे. थॉम्पसन के परिवार का कहना है कि उन्हें बड़े मालंगा के इरादों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. वो तो सिर्फ अफ्रीका घूमने गए थे और किसी इरादे से नहीं.