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कहीं तबाही का कारण न बन जाए उत्तराखंड की वसुधारा झील, ग्‍लोबल वार्मिंग ने बढ़ाई मुसीबत

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हिमालय के ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जिस वजह से ग्लेशियर पर झीलें बन रही हैं. अब उत्तराखंड की हिमालयी क्षेत्र से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. वसुधारा ग्लेशियर झील का आकार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. यह झील चमोली जिले के नीति घाटी में स्थित है. इसके आसपास पहले से ही छोटी झीलें थीं.

कहीं तबाही का कारण न बन जाए उत्तराखंड की वसुधारा झील, ग्‍लोबल वार्मिंग ने बढ़ाई मुसीबत
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( Image Source:  meta ai )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 17 Oct 2025 3:54 PM IST

Uttarakhand Lake: ग्लोबल वार्मिंग दुनिया भर के देशों के लिए एक गंभीर समस्या है. लोगों की वर्तमान जीवनशैली का प्रभाव प्रकृति पर देखने को मिल रहा है. घर से लेकर कार तक में एसी, फ्रीज, कूलिंग कूलर जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल से पर्यावरण में बदलाव देखने को मिल रहा है. हमारे ग्लेशियर पर भी ग्लोबल वार्मिंग का असर हो रहा है और धीरे-धीरे उनकी बर्फ पिघल रही है.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हिमालय के ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जिस वजह से ग्लेशियर पर झीलें बन रही हैं. अब उत्तराखंड की हिमालयी क्षेत्र से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है.

झीलों का बढ़ रहा आकार

उत्तराखंड की वसुधारा ग्लेशियर झील का आकार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. यह झील चमोली जिले के नीति घाटी में स्थित है. इसके आसपास पहले से ही छोटी झीलें थीं. साल 2001, 2003 और 20217 में इसके आकार में बदलाव देखने को मिला. झील का आकार पहले के मुकाबले बड़ा दिखाई दिया. बता दें कि वसुधाराझील भारत-तिब्बत बॉर्डर पर मौजूद नीति गांव से ऊपर स्थित ग्लेशियर के नीचे है. बीते वर्ष झील की एक तस्वीर सामने आई, जिसमें उसका आकार बहुत बड़ा नजर आया. यह झील 30 से 40 मीटर गहरी है.

झीलों पर मंडरा रहा खतरा

पूर्व ग्लेशियोलॉजिस्ट वैज्ञानिक डॉ डीपी डोभाल ने कहा कि मौसम चक्र में हो रहे परिवर्तन की वजह से झील बन रही हैं. अभी के हालात बेहद खतरनाक हो गए हैं. धीरे-धीरे छोटी-छोटी झीलों के पास भी एक बड़ी झील बननी शुरू हो गई है. दूसरी झीलों का पानी बड़ी झील में जाने लगा है. चट्टान और ग्लेशियर पिघलने से इसका आकार बढ़ता जा रहा है.

डोभालन ने बताया कि ग्लेशियर पिघलने से पहले छोटी-छोटी झीलें बन जाती थीं. जैसे सीजन बदलने के बाद ऊपरी इलाकों में स्नोफॉल काम हो रहा है. उसका सीधा असर ग्लेशियर पर पड़ रहा है. क्योंकि ग्लेशियर की बर्फ ज्यादा पिघल रही है इसकी वजह से ग्लेशियर पर झीलें ज्यादा बन रही है. झील से पानी बहुत धीरे-धीरे निकलता है और पानी इकट्ठा होने का उसको समय मिल जाता है.

वसुधारा झील पर संकट

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ग्लेशियर झीलों के बचाव के लिए अन्य डिपार्टमेंट के साथ मिलकर काम करने पर विचार कर रहा है. विभाग के सचिव विनोद सुमन ने कहा कि झील टूटने वाली नहीं है, सभी झीलें सुरक्षित हैं. एक झील पर उनकी टीम ने काम कर लिया है. बाकी चार झीलों पर भी इस साल काम होगा. कार्बन उत्सर्जन के कारण तापमान बढ़ रहा है और ग्लेशियर पर झीलें बन रही है.

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