पुष्कर सरकार का शहीदों को सम्मान, तिराहा कांड के आंदोलकारियों पर बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर तिराहा कांड शहीद आंदोलकारियों के लिए स्मारक स्थल बनाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि यहां पर शहीदों की प्रतिमा लगाई जाएगी. सीएम ने कहा कि रामपुर तिराहाकांड एक काला अध्याय है. इससे मिला हुआ जख्म कभी नहीं भर सकता. उन्होंने कहा कि हमें आंदोलनकारियों द्वारा दी गई प्राणों की आहूति से उत्तराखंड मिला.

CM Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद जवानों के लिए बड़ी घोषणा की है. बुधवार को सीएम धामी रामपुर तिराहा कांड की बरसी पर मुजफ्फरनगर स्थित शहीद स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि रामपुर तिराहा कांड शहीद आंदोलकारियों की प्रतिमा लगाई जाएगी.
सीएम धामी ने प्रतिमा लगाने की जिम्मेदारी उत्तराखंड के संस्कृति विभाग को दी है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक के लिए भूमि दान करने वाले स्वर्गीय पंडित महावीर शर्मा की प्रतिमा लगाने के लिए शिलान्यास किया.
816 गज भूमि का दान
स्वर्गीय पंडित महावीर शर्मा ने स्मारक के लिए 816 गज भूमि दान में दी थी. सीएम धामी ने इसके लिए 14.74 लाख रुपये स्वीकृति किए. इसके लिए महावीर शर्मी के पुत्र ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. इस घटना को सीएम ने कहा कि रामपुर तिराहाकांड एक काला अध्याय है. इससे मिला हुआ जख्म कभी नहीं भर सकता. उन्होंने कहा कि हमें आंदोलनकारियों द्वारा दी गई प्राणों की आहूति से उत्तराखंड मिला.
पूरे होंगे शहीदों के सपने
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बीजेपी सरकार शहीदों के सपनों का प्रदेश बनाने का प्रयास कर रही है. राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं को 30 फीसदी का आरक्षण भी सभी सरकारी योजना में देने का कार्य किया है. सीएम ने कहा कि अब प्रदेश में एनआरसी को लागू करने के साथ भू-कानून लाने की पूरी तैयारी चल रही है.
सात जवान शहीद
इस हादसे में उत्तराखंड के रविंद्र रावत, सतेंद्र चौहान, गिरीश भद्री, राजेश लखेड़ा, सूर्यप्रकाश थपलियाल, अशोक कुमार और राजेश नेगी शहीद हो गए थे. इन जवानों के लिए ही स्मार्क स्थल बनाया जा रहा है, जिनमें उनकी मूर्तियां लगाई जाएंगी.
क्या है रामपुर तिराहा कांड?
1 अक्टूबर, 1994 की रात उत्तर प्रदेश से अलग राज्य (उत्तराखंड) की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलकारी दिल्ली जा रहे थे. इनमें महिलाएं भी शामिल थीं. इस दिन रात करीब 1 बजे रामपुर तिराहा पर बस रुकवा ली और बस में चढ़कर बदमाशों ने महिलाओं के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म किया. इस दौरान आंदोलनकारी और पुलिस वालों के बीच कहासुनी हुई तभी नारेबाजी और पत्थराव शुरू हो गया. इस दौरान बहुत से लोग घायल हुआ और कितने की मौत हो गई. इस कांड के बाद अलग राज्य की मांग ने जोर पकड़ लिया और 6 साल संघर्ष के बाद 9 नवंबर, 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग राज्य उत्तराखंड बना.