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क्या है 186 साल पुराने देहरादून के राष्ट्रपति भवन की कहानी? अप्रैल से आम जनता के हवाले

Dehradun President House: फिलहाल यह भवन राष्ट्रपति के अंगरक्षक रेजिमेंट के लिए काम कर रहा है, इसकी स्थापना मूल रूप से 1838 में गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के घोड़ों और गर्मियों के दिनों में छुट्टियों के लिए की गई थी.

क्या है 186 साल पुराने देहरादून के राष्ट्रपति भवन की कहानी? अप्रैल से आम जनता के हवाले
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Dehradun President House
( Image Source:  x.com/DIPR_UK )
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Published on: 24 Nov 2024 3:53 PM

Dehradun President House: देहरादून के राजपुर रोड पर स्थित 186 साल पुराना राष्ट्रपति आशियाना अगले साल अप्रैल से जनता के लिए अपने दरवाजे खोल देगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निर्देश पर राष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारियों ने देहरादून का दौरा किया. इस दौरान इसे जनता के लिए खोलने को निर्णय लिया गया.

यह पहल राष्ट्रपति मुर्मू के देश भर में राष्ट्रपति आवासों को जनता के लिए सुलभ बनाने के व्यापक प्रयासों के अनुरूप है. वर्तमान में राष्ट्रपति अंगरक्षक रेजिमेंट के लिए एक बेस के रूप में कार्य कर रहा है. राष्ट्रपति सचिवालय में प्रमुख सचिव राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान जनता के प्रवेश की सुविधा के लिए योजनाओं को पास कर दिया गया.

186 साल पुराना है इतिहास

देहरादून में राष्ट्रपति का गेस्ट हाउस है, जिसे रिवरव्यू गेस्ट हाउस (Riverview Guest House) के नाम से जाना जाता है. यह गेस्ट हाउस उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून के समीप स्थित है और राष्ट्रपति के लिए यहां ठहरने के लिए उपयोग किया जाता है. यह एस्टेट मूल रूप से 1838 में घोड़ों, गर्मी के दिनों की छुट्टियों और और गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए स्थापित किया गया था.

विजिटर्स मुख्य भवन, पीबीजी रेजिमेंट की 251 साल पुरानी विरासत को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी और रेजिमेंट की ऐतिहासिक 186 साल पुरानी घुड़सवारी सुविधा का पता लगा सकेंगे. ये राष्ट्रपति भवन 21 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. इस एस्टेट में उद्यान, कैफेटेरिया और विजिटर्स के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पार्किंग और बेहतर बिजली बुनियादी ढांचे जैसी उन्नत सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी.

जनता के लिए खुलने वाला पहला राष्ट्रपति आशियाना

हैदराबाद में राष्ट्रपति निलयम और मशोबरा में राष्ट्रपति निवास जैसी अन्य राष्ट्रपति संपत्तियों से अलग ये राष्ट्रपति आशियाना जनता का स्वागत करने वाला पहला एस्टेट होगा. यह रेजिमेंट की परिचालन और औपचारिक परंपराओं को देखने का एक अनूठा अवसर है.

पीबीजी के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अमित बेरवाल और राष्ट्रपति सचिवालय की विशेष ड्यूटी अधिकारी स्वाति शाही सहित प्रमुख अधिकारियों ने सचिव शैलेश बगोली, सचिन कर्वे, पंकज कुमार पांडे और देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल जैसे राज्य प्रतिनिधियों के साथ मिलकर तैयारियों की देखरेख की.

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