विश्व की छठे ऊंचे पर्वत पर लहराया तिरंगा, MOUNT CHO OYU पर पहुंचने वाली पहली महिला बनीं शीतल राज
माउंट चो ओयू समुद्र तल से 8,188 मीटर ऊपर दुनिया का छठा सबसे ऊंचा पर्वत है. तिब्बत की भाषा में चो ओयू का अर्थ है "फ़िरोज़ा देवी". यह पर्वत माउंट एवरेस्ट से 20 किलोमीटर पश्चिम में महालंगुर हिमालय के खुम्बू उप-खंड का सबसे पश्चिमी प्रमुख शिखर है.

जब जज्बा हो, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. इस बात का जीता जागता उदाहरण पिथौरागढ़ की रहने वाली शीतल हैं. शीतल ने नए सफर की शुरुआत कर इतिहास रच दिया है. वह विश्व के छठे सबसे ऊंचे पर्वत माउंट चो ओयू पर चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय बन गई हैं. माउंट चो ओयू (8188), दुनिया का छठा सबसे ऊंचा पर्वत, तिब्बत-नेपाल सीमा पर स्थित है. शीतल ने 8 अक्टूबर को इस पर्वत पर भारतीय झंडा फहराकर पूरे देश का नाम रोशन किया है. अपने फेसबुक अकाउंट के जरिए उन्होंने इस बात की जानकारी दी है.
कई कीर्तिमान कर चुकी हैं अपने नाम
यह पहली बार नहीं है, जब शीतल ने अपने ज्जबे के जरिए सभी भारतीयों को गौरव महसूस करवाया हो. साल 2021 में शीतल को तेंजिंग नॉर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. इसके अलावा, शीतल राज 7075 मीटर ऊंची सतोपंत, 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल समेत कई चोटियों पर शान से भारत का झंडा लहरा चुकी हैं. यही नहीं, उन्होंने यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्ब्रुस चोटी को भी पार किया है. वह साल 2018 में कंचनजंगा पर्वत पर भी फतेह पा चुकी हैं. शीतल के लिए यह भी कम था.इसलिए उन्होंने साल 2019 में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की.
शीतल राज ने कही ये बात
शीतल अपनी इस नई कामयाबी पर बेहद खुश और गर्व महसूस कर रही हैं. एक इंटरव्यू में शीतल ने बताया कि उन्होंने यह मिशन 5 सितम्बर 2024 को शुरू किया था. इस मिशन के लिए उन्हें काठमांडू जाने के बाद कुछ समय तक वीजा का इंतजार करना पड़ा. इसके बाद शीतल 21 सितंबर को बाय रोड बॉडर क्रॉस किया और किरोंग पहुंचकर 24 सिंतबर को एडवांस बेसकैंप गईं. इसके बाद 8 अक्टूबर को उन्होंने इस पर्वत पर फतेह पाई.