चमोली हिमस्खलन में लापता श्रमिकों की तलाश तेज, IAF भी जी जान से जुटी; रेस्क्यू ऑपरेशन के Videos
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हिमस्खलन के बाद लापता 4 बीआरओ श्रमिकों की तलाश जारी है. अब तक 50 श्रमिकों को बचाया गया, जबकि 4 की मौत हो गई. एसडीआरएफ, भारतीय वायुसेना (IAF), Mi-17 हेलीकॉप्टर, ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से बचाव कार्य तेज कर दिया गया है. खराब मौसम और भारी बर्फबारी अभियान में बाधा बन रहे हैं.

उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा क्षेत्र में आए भीषण हिमस्खलन के बाद लापता 4 बीआरओ श्रमिकों की तलाश तेज कर दी गई है. 28 फरवरी को हुई इस घटना में कुल 55 श्रमिक फंस गए थे, जिनमें से 50 को बचा लिया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश 4 की मौत हो गई, जबकि 4 अब भी लापता हैं.
लापता श्रमिकों की खोज के लिए एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की एक विशेष टीम विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेजिंग कैमरा के साथ जोशीमठ से रवाना हुई है. भारतीय वायुसेना (IAF) के चीता हेलीकॉप्टर पहले से ही माणा इलाके में बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं,
जबकि Mi-17 हेलीकॉप्टर को जल्द ही ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम के साथ एयरलिफ्ट किया जाएगा, जिससे बर्फ में दबे लोगों की पहचान आसान हो सके.
हिमस्खलन में घायल हुए श्रमिकों को जोशीमठ आर्मी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद हवाई मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. बचाव अभियान के तहत जोशीमठ से एसडीआरएफ की संचार टीम भी रवाना हो चुकी है, जो श्री बद्रीनाथ धाम के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों में सहायता करेगी.
जिला प्रशासन और बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन) लगातार बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं.
चमोली के डीएम द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 50 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन लापता श्रमिकों तक जल्द से जल्द पहुंचना प्राथमिकता बनी हुई है. इस कठिन इलाके में मौसम और बर्फबारी भी बचाव अभियान को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं. बचाव दल हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि लापता श्रमिकों को जल्द से जल्द खोजकर सुरक्षित निकाला जा सके.