अब त्योहार पर नहीं जा पाएंगे घर, इतने दिनों तक नहीं चलेगी इस राज्य की रोडवेज बसें
दीवाली का त्योहार आने वाला है. ऐसे में दूसरे राज्यों में काम करने वाले लोग अपने घर जाते हैं, लेकिन क्या हो जब त्योहार के मौसम में सरकारी बसें चलनी बंद हो जाए? ऐसे में यात्रियों की परेशान बढ़ जाती है. अब उत्तराखंड की रोडवेज बसें नहीं चलेंगी.

त्योहार के मौके पर सभी को अपने घरों की याद आती है. खासतौर पर घर से दूर रहने वालों के पास केवल त्योहार का मौका होता है, जब वह अपने परिवालों के साथ होते हैं, लेकिन क्या हो जब आप खास मौके पर घर न जा पाएं? इसका कारण छुट्टी नहीं बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन हो?
त्योहार के सीजन में अक्सर पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को लेकर परेशानी हो जाती है. अब उत्तराखंड के लोगों को दीवाली के समय परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. खासतौर पर रोडवेज बस से सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह खबर है. रोडवेज कर्मचारी ने उत्तराखंड में दो दिन के लिए काम करने से मना कर दिया है.
कब से बंद रहेगा काम?
उत्तराखंड में कार्य बहिष्कार के चलते रोडवेज बसे नहीं चलेंगी. रोडवेज बस कर्मचारियों ने 22 अक्तूबर की रात 48 घंटे के लिए काम न करने के लिए तैयारी कर ली है. अब इसके कारण यात्री परेशान होंगे. खासतौर पर लंबी दूरी का सफर तय करने वाले यात्रियों के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी.
त्योहार के मौके पर बरेली, मुरादाबार, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, प्रयागराज, नजीबाबाद और दिल्ली-एनसीआर से भारी संख्या में लोग ट्रैवल करते हैं. इतना ही अलग-अलग राज्यों से भी लोग उत्तराखंड जाते हैं.
कार्य बहिष्कार का कारण
बता दें कि रोडवेज कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कॉन्ट्रैक्ट और स्पेशल कैटेगरी के कर्मचारियों की नौकरी पक्की की जाए. साथ ही, रोडवेज को बचाने के लिए मैनेजमेंट के काम न करने का नोटिस दे दिया है.
80 फीसदी काम हो सकता है ठप
बता दें कि संयुक्त मोर्चा से सभी कर्मचारी यूनियन जुड़ी हैं, लेकिन रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद नहीं. इस यूनियन के ड्राइवर और कंडक्टर के काम न करने पर 80 फीसदी बचों का संचालन कम हो सकता है.
साथ ही, इस मोर्चा के कॉर्डिनेटर अशोक चौधरी ने इस फैसले पर कहा कि कार्य बहिष्कार से जुड़ी सारी तैयारियां की जा चुकी हैं. इतना ही नहीं, इसके लिए डिवीजन लेवल पर मीटिंग्स भी हुई हैं.