UCC Uttarakhand: लिव-इन के लिए भरना होगा 16 पेज का फॉर्म, देने होंगे ये सर्टिफिकेट; फर्जीवाड़ा किया तो...
यूसीसी एक्ट को फरवरी 2024 में राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था. इसमें लिव-इन रिलेशनशिप स्टार्स और खत्म करने वाले कपल को सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. अब इसके लिए आपको 16 पेज का फॉर्म भरना होगा.

उत्तराखंड सरकार के यूसीसी नियम के तहत अगर किसी कपल को लिव-इन रिलेशनशिप में रहना है, तो इसके लिए 16 पेज का फॉर्म भरना होगा. इसमें आधार ओटीपी, रजिस्ट्रेशन फीस, धार्मिक नेता से प्रमाण पत्र की जरूरत होगी, जिसमें लिखा होगा कि अगर कपल चाहे, तो वह शादी कर सकते हैं. साथ ही, पिछले रिलेनशशिप का भी ब्योरा देना होगा.
यह उत्तराखंड के निवासियों के साथ-साथ भारत में कहीं और रहने वाले राज्य के लोगों पर भी लागू होता है. इसे ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से भरा जा सकता है. चैप्टर 5 में नियम 15 (3) में लिव-इन रिलेशनशिप की सारी जानकारी का फॉर्मेट है. इन डॉक्यूमेंट्स को 16 पन्नों के फॉर्म के साथ अटैच करना होगा. चलिए जानते हैं आखिर इन 16 पेज के फार्म में क्या -क्या है?
शादी की अनुमति का सर्टिफिकेट
एनेक्सचर के फॉर्म 3 को वह लोग भर सकते हैं, जो पहले से ही लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं या लिव-इन रिलेशनशिप में आने का इरादा रखते हैं. इन नियमों के अनुसार सेट किए फॉर्मेट में रजिस्टर किए हुए कैंडिडेट्स के बीच शादी की अनुमति का का सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी है. अगर वह यदि वे प्रोहिबिटेड रिलेशनशिप की सीमा के भीतर हैं.
धार्मिक नेता से मंजूरी
इसमें कहा गया है कि 'किसी धार्मिक नेता/समुदाय प्रमुख या संबंधित धार्मिक/समुदाय निकाय के अधिकारी द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र कि पंजीकृत व्यक्तियों को नियंत्रित करने वाले रीति-रिवाज और प्रथा उनके बीच विवाह की अनुमति देते हैं. नियम 3 (यू) यह भी परिभाषित करता है कि धार्मिक नेता कौन है. वह किसी समुदाय के संबंध में उस समुदाय के पूजा स्थल का पुजारी या उस समुदाय से संबंधित धार्मिक निकाय का कोई पदाधिकारी होना चाहिए.
कैसे देना होगा पिछले रिश्ते का सबूत?
अपने पिछले के सबूत के लिए नियमों में मौजूदा लिव-इन रिलेशनशिप की शुरुआत से पहले मैरिड या लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में बताना जरूरी है. इन डॉक्यूमेंट्स में तलाक का अंतिम आदेश, शादी को रद्द करने का अंतिम आदेश, जीवनसाथी का मृत्यु प्रमाण पत्र, खत्म हुए लिव-इन रिलेशनशिप का प्रमाण पत्र शामिल हो सकता है.
पेरेंट्स को बताना जरूरी
यूसीसी के तहत रजिस्ट्रार के पास खुद से या शिकायत के आधार पर किसी व्यक्ति को उनके लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर करने के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार है. साथ ही, डॉक्यूमेंट्स की सही है या नहीं इसकी जांच के अलावा, अगर कपल की उम्र 21 साल से कम है, तो रजिस्ट्रार को लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर करने वाले पक्षों के कानूनी अभिभावक या माता-पिता को बताना होगा.
हो सकती है जेल
राज्य विधानसभा ने फरवरी 2024 में पारित यूसीसी एक्ट, लिव-इन रिलेशनशिप शुरू करने और खत्म करने के दौरान कपल के लिए सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. अगर कोई कपल रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता है, तो उन्हें छह महीने तक की जेल की सजा हो सकती है.