उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से तबाही, 25 होटल और घर तबाह, 4 की मौत, करीब 50 लापता; देखें भयावह Video
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई. खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने 20 से 25 होटल और कई घरों को बहा दिया. अब तक मिली सूचना के अनुसार हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है जबकि 50 से ज्यादा लापता बताए जा रहे हैं. SDRF, पुलिस और सेना की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की भयावह घटना सामने आई है, जिसने एक बार फिर पहाड़ों में कुदरती आपदाओं की गंभीरता को उजागर किया है. यह गांव गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ावों में से एक है और यहां बादल फटने के बाद जलप्रलय जैसी स्थिति बन गई. तेज बहाव के साथ आया पानी और मलबा न केवल दर्जनों घरों को तबाह कर गया, बल्कि स्थानीय बाजार और होटल व्यवसाय पर भी कहर बनकर टूटा. इस भयावह हादसे में अब तक 4 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं.
इस हादसे का एक चौंकाने वाला वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे ऊपरी इलाके से पानी और मलबे का तेज बहाव आता है और देखते ही देखते रास्ते के घर, दुकानें और अन्य संरचनाएं बहा ले जाता है. लोग वीडियो में चीखते, चिल्लाते और निचले इलाकों में मौजूद लोगों को चेतावनी देने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं, लेकिन सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को भागने तक का मौका नहीं मिला.
प्रशासनिक अलर्ट और रेस्क्यू अभियान शुरू
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने पुष्टि की है कि घटना के तुरंत बाद आपदा प्रबंधन दल, एसडीआरएफ, पुलिस और आर्मी को अलर्ट कर दिया गया है. फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है. हालांकि किसी की मृत्यु की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मलबे में 10 से 12 मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. सड़कों के अवरुद्ध होने और संचार व्यवस्था प्रभावित होने की खबरें भी आ रही हैं.
खीर गंगा नदी बना तबाही का स्रोत
स्थानीय लोगों के अनुसार, खीर गंगा नदी में अचानक जलस्तर इतना बढ़ गया कि आसपास के 20 से 25 होटल और होमस्टे पूरी तरह से तबाह हो गए. राजेश पंवार नामक ग्रामीण ने बताया कि खीर गढ़ जलग्रहण क्षेत्र में ऊंचाई पर बादल फटा, जिससे यह विनाशकारी बाढ़ आई. पहाड़ी मलबा पूरे गांव में घुस आया, जिससे दहशत का माहौल है और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हो गए हैं.
गंगोत्री मार्ग पर बड़ा असर, यातायात ठप
गंगोत्री धाम जाने वाले मार्ग पर भी इस आपदा का बड़ा असर पड़ा है. धराली मार्केट, जो इस धाम यात्रा का अहम पड़ाव है, वहां भारी नुकसान की खबर है. सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे राहत टीमों को मौके तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है. स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों से धाम यात्रा रोकने और सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की अपील की है.
सीएम ने क्या कहा?
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा, "धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुःखद एवं पीड़ादायक है. राहत एवं बचाव कार्यों के लिए SDRF, NDRF, जिला प्रशासन तथा अन्य संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं."
इस सम्बन्ध में लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में हूं और स्थिति की गहन निगरानी की जा रही है. ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.
चेतावनी को नजरअंदाज करना घातक
यह घटना केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन की उस गंभीर चेतावनी का हिस्सा है जिसे लगातार अनदेखा किया जा रहा है. उत्तराखंड जैसे संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में लगातार बादल फटने, भूस्खलन और ग्लेशियर फटने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. धराली की यह त्रासदी एक और उदाहरण है कि पहाड़ों की पारिस्थितिकी संतुलन खो रही है, और अब विकास की योजनाओं में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता न बरती गई तो ऐसी आपदाएं बार-बार लौटेंगी.