'पहलगाम के आतंकी पहले भी मारे जा सकते थे, सरकार ने आज का दिन...' लोकसभा में कहने वाले कौन हैं रमाशंकर राजभर?
रमाशंकर राजभर समाजवादी पार्टी के सांसद हैं, जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सलेमपुर सीट से जीत हासिल की. देवरिया जिले के निवासी रमाशंकर पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और एक सादगीपूर्ण पृष्ठभूमि से आने वाले राजभर को हाल ही में मानसून सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने संसद में बोलने का अवसर दिया, जिससे सपा की सामाजिक समीकरणों की रणनीति और स्पष्ट हुई.

Who is Ramashankar Rajbhar: संसद के मानसून सत्र के दौरान जब सोमवार (28 जुलाई) को ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार और विपक्ष के बीच बहस चल रही थी, तब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक अहम राजनीतिक संदेश देने के लिए अपने सवाल पूछने का मौका सलेमपुर से सपा सांसद रमाशंकर राजभर को दे दिया.
अखिलेश का यह कदम पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समीकरण को मजबूत करने की दिशा में देखा जा रहा है, जिसे वह लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ एक वैचारिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.
राजभर ने संसद में क्या कहा?
रमाशंकर राजभर ने सवाल उठाते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के आरोपियों को पहले भी मारा जा सकता था. सरकार ने डिबेट के दिन को ही आतंकियों को मारने के लिए क्यों चुना. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. राजभर ने पूछा कि आखिर ट्रंप ने सीजफायर का एलान क्यों किया, हमारी सरकार ने क्यों नहीं किया.
सपा सांसद ने कहा कि मोदी के साथ दोस्ती के बावजूद ट्रंप ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को IMF की तरफ से लोन दिलाने के पक्ष में मतदान किया. आखिर इसका मतलब क्या है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पाकिस्तान को अलग-थलग करने में विफल रही.
रमाशंकर राजभर कौन हैं?
रमाशंकर राजभर दूसरी बार सांसद बने हैं. उनका जन्म 1 जनवरी 1960 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के शिवपुर गांव में हुआ. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय (संत विनोबा भावे विश्वविद्यालय) से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. उनकी पत्नी कृष्णावती देवी एक गृहिणी हैं. सपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सलेमपुर सीट से मैदान में उतारा, जहां उन्होंने भाजपा के रविंद्र कुशवाहा को हराकर सांसद बने. इससे पहले इस सीट से सपा के हरि केवल प्रसाद उम्मीदवार थे. सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में भाटपार रानी, सलेमपुर, बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह जैसे विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.
1991 से की अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत
रमाशंकर राजभर ने 1991 से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. विभिन्न चुनावों में जनता दल और बाद में बसपा की टिकट पर भाग लिया. 2009 में वे बसपा से सलेमपुर से सांसद बने, लेकिन 2014 में टिकट न मिलने के चलते चुनाव नहीं लड़े. बाद में उन्होंने सपा ज्वाइन कर ली.
संसद में काफी सक्रिय हैं राजभर
रमाशंकर राजभर 99% उपस्थिति के साथ संसद में काफी सक्रिय हैं. उन्होंने 26 बहसों में हिस्सा लिया और 41 प्रश्न उठाए. राष्ट्रीय औसत की तुलना में उनकी सहभागिता विशेष रूप से उल्लेखनीय है. उन्हें एक जुझारू नेता के रूप में जाना जाता है, जो अपनाई हुई रणनीति और जातीय समीकरणों के संदर्भ में सपा के लिए प्रभावी चेहरा बने हुए हैं.
राजभर समुदाय आने वाले रमाशंकर, सपा की सामाजिक न्याय की राजनीति में एक मजबूत चेहरा माने जा रहे हैं. संसद में उनके बढ़ते कद को अखिलेश यादव के फैसले ने और भी रेखांकित कर दिया है. अखिलेश द्वारा संसद में उनका मंच पर बुलाया जाना, पीडीए समीकरण को मज़बूत करने की दिशा में कदम माना जाता है.