फर्जी दूतावास से 300 करोड़ तक का खेल, बाबा-ब्रोकर-बुलेट सब शामिल! जानिए हर्षवर्धन जैन के काले कारनामों की इनसाइड स्टोरी
गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने के आरोप में गिरफ्तार हर्षवर्धन जैन के खिलाफ जांच में खुलासा हुआ है कि उसका कुख्यात धर्मगुरु चंद्रास्वामी और सऊदी हथियार डीलर अदनान खशोगी से सीधा संपर्क था. जैन पर 300 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय घोटाले में शामिल होने का शक है, जिसमें स्विट्जरलैंड की एक फर्जी फर्म के जरिए शेल कंपनियों से लोन दिलाने के नाम पर दलाली वसूली गई. पुलिस ने उसके कब्जे से चार लग्जरी कारें, फर्जी दस्तावेज, विदेशी मुद्रा और हवाला से जुड़े सामान जब्त किए हैं.

Westarctica diplomat case, Harsh Vardhan Jain scam: उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने के आरोप में गिरफ्तार हर्षवर्धन जैन की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक जैन का ₹300 करोड़ के अंतरराष्ट्रीय घोटाले से संबंध सामने आया है. गाजियाबाद के कविनगर में स्थित फर्जी दूतावास पर छापेमारी के दौरान पुलिस को जैन की विवादास्पद बाबा चंद्रास्वामी और सऊदी हथियार डीलर अदनान खशोगी के साथ तस्वीरें मिलीं.
चंद्रास्वामी को 80 और 90 के दशक में तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों, नरसिम्हा राव, चंद्रशेखर और वीपी सिंह, का आध्यात्मिक सलाहकार माना जाता था. उन्हें 1996 में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था. उस पर राजीव गांधी की हत्या के लिए फंडिंग देने का भी शक जताया गया था.
चंद्रास्वामी ने अदनान खशोगी और कारोबारी एहसान अली सैयद से करवाई थी जैन की मुलाकात
यूपी एटीएस की जांच में सामने आया कि चंद्रास्वामी ने 2000 में लंदन में जैन की मुलाकात हथियार डीलर अदनान खशोगी और कारोबारी एहसान अली सैयद से करवाई थी. सैयद और जैन ने मिलकर 25 फर्जी कंपनियां शुरू कीं, जिनके जरिए दलाली के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठे गए. सैयद की कंपनी 'वेस्टर्न एडवाइजरी ग्रुप', जो स्विट्जरलैंड में रजिस्टर्ड थी, कथित रूप से कंपनियों को लोन दिलाने के बदले मोटी दलाली वसूलती थी.
कथित रूप से इस कंपनी ने ₹300 करोड़ (25 मिलियन पाउंड) की दलाली लेकर ठगी की और सैयद 2022 में लंदन में गिरफ्तार हुआ. अब एटीएस यह जांच कर रही है कि इस पूरे घोटाले में जैन की भूमिका कितनी गहरी थी. इसके साथ ही जैन के हथियार सौदों से जुड़ाव की भी जांच की जा रही है, क्योंकि खशोगी से उसके रिश्ते उजागर हुए हैं.
कौन है 'Westarctica राजनयिक' हर्षवर्धन जैन?
MBA की डिग्री रखने वाला हर्षवर्धन जैन गाजियाबाद के एक व्यवसायी का बेटा है, जिसकी फैमिली राजस्थान में मार्बल की खदानें चलाती थी. पिता के निधन के बाद आर्थिक तंगी के दौर में उसकी मुलाकात चंद्रास्वामी से हुई, जिन्होंने उसे लंदन भेजा और वहां कई कंपनियां खुलवाईं.
बाबा की मौत के बाद जैन भारत लौट आया और गाजियाबाद में ‘Westarctica’, Saborga, Poulvia, Lodonia जैसे काल्पनिक देशों के नाम पर फर्जी दूतावास चलाने लगा. पुलिस छापे में उसके पास से चार लग्जरी कारें (फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट के साथ), विदेशी मुद्रा, फर्जी दस्तावेज और हवाला रैकेट से जुड़ा सामान बरामद हुआ है.