'गिराने वाले लाख हों पर संभालने वाला भोलेनाथ है', महाकुंभ में फिर नजर आईं हर्षा रिछारिया
हर्षा रिछारिया साध्वी का वेष धारण कर नकली जटाओं और त्रिपुंड लगाने पर कई साधु-संतों ने उनकी कड़ी आलोचना की थी, जिसके बाद वह महाकुंभ छोड़कर चली गई थीं. हालांकि, अब वसंत पंचमी के अवसर पर 2 फरवरी को हर्षा रिछारिया ने एक बार फिर महाकुंभ में वापसी की है.

साल 2025 के महाकुंभ में सबसे अधिक चर्चा में रहीं हर्षा रिछारिया बीते दिनों विवादों में घिरी थीं. साध्वी का वेष धारण कर नकली जटाओं और त्रिपुंड लगाने पर कई साधु-संतों ने उनकी कड़ी आलोचना की थी, जिसके बाद वह महाकुंभ छोड़कर चली गई थीं. हालांकि, अब वसंत पंचमी के अवसर पर 2 फरवरी को हर्षा रिछारिया ने एक बार फिर महाकुंभ में वापसी की है. इस बात की जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर दी.
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, 'सारी चुनौतियों को स्वीकार कर आज एक बार फिर भगवा पहनकर, मस्तक पर चंदन लगाकर, जटाओं के साथ तीसरे और अंतिम अमृत स्नान पर संगम में डुबकी लगाकर सबको ये संदेश देना चाहा कि गिराने वाले भले ही लाख हों, पर संभालने वाला भोलेनाथ है.' पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा, "अब यहां से एक सनातनी साधक का सफर शुरू होगा. हर हर महादेव!"
उनके इस पोस्ट को अब तक लगभग 38 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया, और सैकड़ों लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि हर्षा रिछारिया गेरुआ वस्त्र धारण कर साधु-संतों के साथ महाकुंभ में भाग ले रही हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच, वह संगम नोज पर डुबकी लगाती नजर आईं. महाकुंभ में उनकी वापसी के बाद, वहां मौजूद महिलाओं में उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ मच गई.
दरअसल, हर्षा रिछारियां महाकुंभ के पहले शाही स्नान के बाद सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी. उन्होंने भगवा वस्त्र धारण कर, जटा और त्रिपुंण लगाकर शाही स्नाना किया है इस मौके पर हर्षा रिछारिया ने दावा किया था कि वह दो साल से साध्वी है. जिसके बाद से पता चला था कि वह कंटेट किएटर हैं और जल्द ही उनकी शादी होने वाली है. जब सच्चाई सामने आई तो संत समाज ने उनका विरोध किया जिसके बाद उनको महाकुंभ छोड़ा पड़ा था.