UP उपचुनाव में सपा मान चुकी हार! अखिलेश को सता रहा किस बात का डर?
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव संपन्न हो गया, जिसमें 50 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. हालांकि, मतदान के दौरान समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) पर बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है. वहीं अब 23 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी.

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव संपन्न हो गया, जिसमें 50 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. हालांकि, मतदान के दौरान समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) पर बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है. पार्टी का दावा है कि चुनाव के दौरान मतदाताओं, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बंदूक की नोक पर मतदान करने से रोका गया.
इसके अलावा, विपक्षी पार्टी ने मीरापुर, कुंदरकी, और सीसामऊ विधानसभा सीटों पर पुनर्मतदाना (Re-Polling) की मांग की है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि इन इलाकों में चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई, जिसके कारण मतदान की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं. अब 23 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी, जिसके बाद यह स्पष्ट होगा कि इन आरोपों के बीच उपचुनाव का परिणाम क्या होता है. इन घटनाओं ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर दिया है और आगामी परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
सपा की चिट्ठी के बाद मची हलचल
समाजवादी पार्टी (सपा) ने ककरौली में थानाध्यक्ष राजीव शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सपा का कहना है कि थानाध्यक्ष ने महिला मतदाताओं पर रिवॉल्वर तानकर और गोली मारने की धमकी देकर उन्हें वोटिंग से रोका. इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें पुलिस अधिकारी को महिला मतदाताओं को डराने-धमकाने और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए देखा जा सकता है.
आने वाले नतीजों पर क्या बोले जयवीर सिंह
यूपी विधानसभा उपचुनाव के कल आने वाले नतीजों पर यूपी के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, 'वे गुंडागर्दी और बूथ कैप्चरिंग के दम पर चुनाव जीतने में विश्वास रखते हैं, हालांकि, जब भी चुनाव आयोग उन पर लगाम लगाने की कोशिश करता है, तो वे बौखला जाएं. इस बार वे देख रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है. हमारे (बीजेपी) उम्मीदवारों को जबरदस्त समर्थन मिला है. इससे बौखलाकर वे (समाजवादी पार्टी) मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग को जो भी आरोप भेजे थे, वे सभी सही पाए गए हैं निराधार हो.'
मीरापुर में एक वायरल वीडियो में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) को पत्थरबाजी की घटना के बाद स्थानीय लोगों पर बंदूक तानते हुए देखा जा रहा है. इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं को धमका रहे थे. विपक्ष का दावा है कि यह घटना चुनावी धांधली और भय का हिस्सा थी.
हिंसा के बाद दोबारा वोटिंग की मांग
वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि वीडियो का केवल एक हिस्सा दिखाया गया है और पुलिसकर्मी ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की थी. भाजपा के अनुसार, वीडियो का संदर्भ गलत तरीके से पेश किया गया है और यह घटनाक्रम सुरक्षा की स्थिति को नियंत्रित करने का एक प्रयास था. चुनाव आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया और सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. इस निलंबन के बाद, मामला और भी गंभीर हो गया है, और दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं.