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सोनभद्र की खदान में बड़ा हादसा: 15 मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका, रेस्क्यू जारी- चश्मदीद ने बताई हादसे की वजह- Video

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के ओबरा क्षेत्र में बुधवार को खनन के दौरान ऐसा भीषण हादसा हुआ कि पूरे इलाके में दहशत फैल गई. बिल्ली मरकुंडी खनन क्षेत्र में कृष्णा माइनिंग वर्क्स की खदान में कंप्रेशन मशीन से ड्रिलिंग के दौरान अचानक पहाड़ का हिस्सा दरक गया और भारी मात्रा में पत्थर मजदूरों पर टूटकर गिर गए. चश्मदीदों के मुताबिक, करीब 15 मजदूर मलबे में दबे होने की आशंका है, जबकि शुरुआती रेस्क्यू में 2 मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं.

सोनभद्र की खदान में बड़ा हादसा: 15 मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका, रेस्क्यू जारी- चश्मदीद ने बताई हादसे की वजह- Video
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 15 Nov 2025 6:39 PM IST

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के ओबरा क्षेत्र में बुधवार को खनन के दौरान ऐसा भीषण हादसा हुआ कि पूरे इलाके में दहशत फैल गई. बिल्ली मरकुंडी खनन क्षेत्र में कृष्णा माइनिंग वर्क्स की खदान में कंप्रेशन मशीन से ड्रिलिंग के दौरान अचानक पहाड़ का हिस्सा दरक गया और भारी मात्रा में पत्थर मजदूरों पर टूटकर गिर गए. चश्मदीदों के मुताबिक, करीब 15 मजदूर मलबे में दबे होने की आशंका है, जबकि शुरुआती रेस्क्यू में 2 मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं.

हादसा उस वक्त हुआ जब लगभग 18 मजदूर खदान में काम कर रहे थे. हादसे के बाद किसी भी मजदूर के बाहर न निकलने से आशंका और गहराती जा रही है. मौके पर अफरातफरी का माहौल है, परिजन रोते-बिलखते घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं और रेस्क्यू टीम मलबा हटाने में लगी हुई है.

कैसे हुआ हादसा? कंप्रेशन ड्रिलिंग के दौरान दरका पहाड़

जानकारी के मुताबिक, खदान में कुल 9 स्थानों पर कंप्रेशन मशीन से होल किया जा रहा था. ड्रिलिंग के दौरान अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा खिसक गया और मजदूरों पर भारी चट्टानें गिर पड़ीं. सुरक्षा उपकरणों के अभाव ने हादसे को और गंभीर बना दिया. अधिकारियों ने बताया कि खदान में मानक सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया था, जिसे लेकर जांच भी शुरू कर दी गई है.

2 मजदूरों की मौत की पुष्टि, कई अभी भी लापता

रेस्क्यू टीम ने अब तक जिन दो मजदूरों के शव निकाले हैं, उनकी पहचान मधुसूदन सिंह और दिलीप केसरी के रूप में हुई है. बाकी मजदूरों की तलाश जारी है. रेस्क्यू टीम जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाने में जुटी है, लेकिन पत्थरों की भारी मात्रा बचाव कार्य को चुनौतीपूर्ण बना रही है.

सीएम योगी के दौरे के तुरंत बाद सामने आया हादसा

हादसा उस समय सामने आया, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले के दौरे के कुछ घंटे बाद ही खनन क्षेत्र से कुछ किलोमीटर दूर यह भीषण त्रासदी हुई. इससे प्रशासनिक लापरवाही को लेकर सवाल और तेज हो गए हैं.

परिजनों में कोहराम, पुलिस-प्रशासन मौके पर

जैसे ही हादसे की खबर फैली, मजदूरों के परिजन घटनास्थल पर पहुंचने लगे और रोते-बिलखते अपनी चिंता जाहिर करते दिखे. पुलिस, स्थानीय प्रशासन और SDRF की टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी है.

चश्मदीद की भयावह गवाही

एक चश्मदीद ने बताया कि "ड्रिलिंग चल रही थी, तभी तेज आवाज हुई और पूरा पहाड़ मजदूरों पर गिर गया. कुछ समझ ही नहीं आया. सब लोग चिल्लाते हुए नीचे दब गए." प्रशासन ने खदान संचालन में लापरवाही और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है. खदान संचालकों पर कार्रवाई की बात भी सामने आ रही है.

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