आ गए यूपी के धाकड़! बीजेपी नेता गौरीशंकर अग्रहरी का आपत्तिजनक Video Viral, पार्टी ने तुरंत दिखाया बाहर का रास्ता
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में बीजेपी नेता और पूर्व जिला उपाध्यक्ष गौरीशंकर अग्रहरी का एक कथित आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. वीडियो में नेता को किशोरी के साथ समझौतापूर्ण स्थिति में दिखाया गया है. घटना से सियासत गरमा गई है और विपक्ष ने भाजपा पर निशाना साधा है. meanwhile, पुलिस वीडियो की जांच कर रही है.

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. जिले के पूर्व जिला उपाध्यक्ष और स्थानीय स्तर पर सक्रिय नेता गौरीशंकर अग्रहरी का एक कथित आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. यह कदम बीजेपी ने अपनी छवि और अनुशासन बचाने के लिए तत्काल उठाया, जबकि अग्रहरी ने इसे साजिश करार दिया है.
बताया जा रहा है कि यह वीडियो करीब एक हफ्ते पुराना है, जिसमें अग्रहरी को एक किशोरी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है. जैसे ही वीडियो सामने आया, जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों में इसको लेकर चर्चा तेज हो गई और मामला मीडिया की सुर्खियों में आ गया.
जांच में जुटी पुलिस
बंसी तहसील क्षेत्र से जुड़े इस वीडियो पर पुलिस ने भी संज्ञान लिया है. सर्कल ऑफिसर मयंक त्रिपाठी ने बताया कि वीडियो की जांच की जा रही है और यदि लड़की नाबालिग पाई जाती है तो आरोपी पर POCSO जैसी सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, पुलिस तकनीकी जांच के जरिए वीडियो की सच्चाई खंगाल रही है.
बीजेपी ने उठाया आवश्यक कदम
राज्य महासचिव गोविंद नारायण शुक्ला ने अग्रहरी को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश जारी किया. यह निर्णय जिला अध्यक्ष की रिपोर्ट और स्थानीय नेताओं से चर्चा के बाद लिया गया. शुक्ला ने साफ कहा कि बीजेपी नैतिक मूल्यों और अनुशासन से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी.
अग्रहरी बोले- यह राजनीतिक साजिश
दूसरी ओर, गौरीशंकर अग्रहरी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह वीडियो पूरी तरह फर्जी और एडिटेड है. उनका दावा है कि वर्षों से पार्टी की सेवा करने के बाद अब उनकी छवि खराब करने के लिए यह राजनीतिक साजिश रची गई है. उन्होंने भरोसा जताया कि पार्टी नेतृत्व के सामने वह अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे.
समर्थकों का दावा भी अलग
गौरीशंकर के समर्थकों ने भी इस पूरे प्रकरण को एक षड्यंत्र बताया है. उनका कहना है कि आने वाले चुनावों से पहले राजनीतिक विरोधियों ने उन्हें बदनाम करने के लिए यह वीडियो फैलाया है. समर्थक सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में मुहिम भी चला रहे हैं.
विपक्ष ने उठाए सवाल
वीडियो वायरल होते ही विपक्षी दलों ने बीजेपी पर सीधा हमला बोल दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि जिस पार्टी के नेता इस तरह के मामलों में फंस रहे हैं, वह जनता को नैतिकता का पाठ कैसे पढ़ा सकती है. वहीं कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मामला पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी से भी जुड़ा हो सकता है.
चुनावी मौसम में बीजेपी के लिए चुनौती
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेताओं से जुड़े इस तरह के विवाद सामने आना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है. विपक्ष जहां इस मुद्दे को भुनाने में जुटा है, वहीं बीजेपी नेतृत्व अपने संगठन और कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रखने पर जोर दे रहा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले का असर पार्टी की चुनावी रणनीति पर कितना पड़ता है.