अतीक अहमद की वजह से मुझे सपा से निकाला गया... पूजा पाल का छलका दर्द, बोलीं- मैं अपने पति के आखिरी दर्शन भी नहीं कर पाई
समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने विधानसभा में अतीक अहमद का नाम लेने पर कार्रवाई को अन्याय बताया. उन्होंने कहा कि राजू पाल हत्याकांड में 17-18 साल बाद भी परिवार को न्याय नहीं मिला और जनता तक को शव दिखाने से रोका गया. पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एनकाउंटर फैसलों को 'बहादुरी' करार देते हुए कहा कि फर्क इस बात से पड़ता है कि कुर्सी पर बैठा शख्स अपराध को बढ़ावा देता है या खत्म करता है. उन्होंने सवाल उठाया कि यूपी में सरकार साफ-सुथरा प्रशासन देगी या सिर्फ राजनीति करेगी.

Pooja Pal on Atique Ahmed: समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, “मैंने मुख्यमंत्री का कई बार धन्यवाद किया है. सरकार और प्रशासन चलाने की ताकत उन्हीं के पास है, लेकिन मुझे सिर्फ इसलिए पार्टी से निकाल दिया गया क्योंकि मैंने विधानसभा में अतीक अहमद का नाम लिया. मैं कैसे चुप रह सकती हूं, जबकि उसी शख्स ने मेरी पूरी ज़िंदगी तबाह कर दी?”
पूजा पाल ने याद किया कि पिछले शासनकाल में उनके पति और तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. उनका शव तक परिजनों को नहीं दिखाया गया. उन्होंने कहा, “मेरी सास और मैंने जगह-जगह तलाश की, लेकिन आखिरी बार उनके दर्शन भी नहीं हो सके. जनता तक शव दिखाने की गुहार लगा रही थी, लेकिन उन्हें भी पीटा गया, गोलियां चलाई गईं, और 17-18 साल बाद भी हत्यारों को सज़ा नहीं मिली.”
पूजा पाल ने मौजूदा सरकार की तारीफ करते हुए कहा, “आज अगर किसी आम आदमी की हत्या होती है तो उसके हत्यारे, चाहे वह माफिया का बेटा ही क्यों न हो, एनकाउंटर में ढेर कर दिए जाते हैं. यह मुख्यमंत्री के साहसिक फैसले का परिणाम है. फर्क इस बात से पड़ता है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठा है- वह जो अपराध घटाता है, या वह जो अपराधियों को संरक्षण देता है. सवाल ये है कि प्रदेश को साफ-सुथरा प्रशासन चाहिए या सिर्फ राजनीति?”
राजू पाल की 2005 में हुई हत्या
2005 में प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) के बहुजन समाज पार्टी (BSP) विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप तत्कालीन बाहुबली और सांसद अतीक अहमद व उसके गिरोह पर लगा. हत्या के बाद उनकी पत्नी पूजा पाल राजनीति में उतरीं और न्याय की लड़ाई शुरू की.
पूजा पाल की राजनीति
राजू पाल की मौत के बाद BSP ने पूजा पाल को राजनीति में उतारा. बाद में उन्होंने सपा जॉइन की और MLA बनीं, लेकिन लगातार आरोप लगाती रहीं कि सपा सरकारों ने अतीक को बचाने का काम किया. उनका कहना है कि 17-18 साल बाद भी राजू पाल मर्डर केस में पूरी तरह इंसाफ नहीं मिला.
अतीक अहमद और उसका साम्राज्य
अतीक अहमद पर हत्या, रंगदारी, अपहरण समेत 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे. उत्तर प्रदेश की सियासत में वह एक बड़ा ‘माफिया चेहरा’ माना जाता था. 2023 में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में रहते हुए ही मारे गए.
योगी सरकार की कार्रवाई
योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017 के बाद से माफिया राज खत्म करने के नाम पर कई एनकाउंटर किए. अतीक अहमद के बेटे असद समेत कई गुर्गों को एनकाउंटर में मार गिराया गया. योगी सरकार ने अतीक अहमद की 400 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की.
'सपा ने मुझे निकाला, लेकिन अतीक जैसे लोगों को बचाया'
सपा से निष्कासित होने के बाद पूजा पाल ने कहा, “मेरी जिंदगी अतीक ने बर्बाद की, उसका नाम न लूं तो क्या करूं? सपा ने मुझे निकाला, लेकिन अतीक जैसे लोगों को बचाया. योगी जी की सरकार में अपराधियों पर कार्रवाई होती है, यह फर्क बताता है कि कुर्सी पर कौन बैठा है.”