Begin typing your search...

'समाज के नैतिक मूल्यों को बचाना है तो Live-In Relationship के लिए बनाए जाएं नियम' HC की टिप्पणी

Allahabad High Court: आज शादी से पहले लिव-इन रिलेशनशिप में रहना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन कई बार यह रिश्ता शादी तक नहीं पहुंच पाता है. ऐसे ही एक मामले पर सुनाई करते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप को कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है, लेकिन इसके प्रचन को देखते हुए समाज के "नैतिक मूल्यों" को बचाने के लिए कोई नियम तय करने चाहिए.

समाज के नैतिक मूल्यों को बचाना है तो Live-In Relationship के लिए बनाए जाएं नियम HC की टिप्पणी
X
( Image Source:  canva )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 25 Jan 2025 10:50 AM IST

Allahabad High Court: आज के समय में शादी से पहले युवाओं का लिव-इन रिलेशनशिप में रहना एक आम बात हो गई है. बड़ी संख्या में कपल हैं जो बिना शादी किए एक छत के नीचे रहे हैं, लेकिन कई बार बात शादी तक नहीं पहुंच पाती और लड़ाई का रूप ले लेती है. ऐसे ही मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक मामले में लिव-इन में रहने वाले कपल में से लड़के ने शादी से इनकार कर दिया. फिर पीड़िता पुलिस स्टेशन में प्रेमी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और मामला कोर्ट पहुंच गया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप को कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है, लेकिन इसके प्रचन को देखते हुए समाज के "नैतिक मूल्यों" को बचाने के लिए कोई नियम तय करने चाहिए.

लिव-इन शर्तें तय करने की जरूरत- HC

इस मामले की सुनवाई जस्टिस नलिन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का मामला निपटाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बेशक लिव-इन रिलेशनशिप को सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है. लेकिन युवा इसकी तरह आकृषित होते जा रहे हैं. इसलिए अब समय आ गया है कि समाज के नैतिक मूल्यों को बचाने के लिए इस रिश्ते की भी नियम बनाए जाने चाहिए. कोर्ट ने वाराणसी के केशरी को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की. केशव की प्रेमिका ने उस पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था. फिर उस पर कई केस दर्ज किया था.

क्या है मामला?

महिला और आकाश केशरी कई सालों से लिव-इन में रह रहे थे. कुछ समय बाद आकाश ने शादी से मना कर दिया. फिर महिला ने उसके खिलाफ सारनाथ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. आरोपी ने हाईकोर्ट से जमानत मांगी. इसके वकील से दलील दी कि महिला ने झूठी कहानी बनाई है. वह बालिग थी और केशरी के साथ अपनी मर्जी से लिव-इन में रह रही थी. दोनों के बीच जो कुछ हुआ सहमति से हुआ. करीब 6 साल से दोनों साथ में रह रहे थे. इस दौरान उसने अबॉर्शन भी नहीं कराया. लड़के ने महिला से शादी का वादा भी नहीं किया था. ऐसे में उसका केशरी पर आरोप लगाना जस्टिफाई नहीं है.

India News
अगला लेख