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क्या ऑफिस से झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है? प्रेमानंद महाराज जी ने दिया यह जवाब

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स उनसे पूछता है कि क्या ऑफिस से झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है. इस पर महाराज जी ने कहा कि झूठ बोलना पाप है और जहां सत्य होता है, वहीं भगवान का निवास होता है. उन्होंने बताया कि कलियुग में झूठ बोलना आम हो गया है, लेकिन हमें सत्य पर चलने की कोशिश करनी चाहिए. महाराज जी ने स्पष्ट किया कि केवल भगवद्भक्ति या धार्मिक कार्यों के लिए कही गई बात अपवाद मानी जा सकती है, बाकी झूठ से बचना ही धर्म है.

क्या ऑफिस से झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है? प्रेमानंद महाराज जी ने दिया यह जवाब
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( Image Source:  instagram/bhajanmarg_official/ )

Premanand Maharaj Ji News: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज जी इस समय सुर्खियों में हैं. उनकी तबीयत खराब है, जिसकी वजह से उन्होंने सुबह होने वाली अपनी पदयात्रा स्थगित कर दी है. इससे भक्तों में चिंता का माहौल है. इस बीच, प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स महाराज जी से पूछता है कि क्या ऑफिस से झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप माना जाता है?

शख्स ने पूछा- महाराज जी, मैं एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूं. छुट्टी नहीं मिलती तो झूठ बोल देते हैं कि आज मेरे रिश्तेदार या परिजन खत्म हो गए हैं... तो क्या यह पाप है? इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि झूठ बोलकर छुट्टी लेने की क्या जरूरत है. छुट्टी तो वैसे भी मिलती होगी. उन्होंने कहा कि झूठ बोलना पाप है.

जहां सत्य होता है, वहां भगवान का निवास होता है: प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज ने कहा, सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप. जाके हिरदै सांच है, ताके हिरदै आप. जहां सत्य होता है, वहां भगवान का निवास होता है. उन्होंने कहा कि कलियुग का प्रभाव है. इसलिए झूठइ लेना, झूठइ देना, झूठइ भोजन, झूठ चबेना. असत्य सांपतक होता है. झूठ बोलना पाप है.

'हमें सत्य पर चलने की कोशिश करनी चाहिए'

महाराज जी ने कहा कि हमें चाहिए कि हम समस्याओं से भले ही हम लड़े, लेकिन हमें सत्य पर चलने की कोशिश करनी चाहिए. झूठ से बचने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भजन, धाम और भगवत प्राप्ति के लिए झूठ बोलना झूठ नहीं होता.

'भागवतिक कार्यों के लिए अगर हम कहीं झूठ बोल देते हैं तो कोई परेशानी नहीं'

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हमें लगता है कि भागवतिक कार्यों के लिए अगर हम कहीं झूठ बोल देते हैं तो कोई परेशानी नहीं है.. लेकिन सांसारिक कार्यों के लिए झूठ बोलने से बचने की कोशिश करें.

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