Prayagraj Maha Kumbh Stampede: कुल कितने लोगों की हुई थी मौत? पड़ताल में बड़ा खुलासा - 10 बातें
Prayagraj Maha Kumbh Stampede Death: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या को मची भगदड़ में कुल कितने लोगों की मौत हुई, इसको लेकर यूपी सरकार ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किए. एक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावे किए गए हैं कि भगदड़ में 82 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. जानिए, रिपोर्ट में और क्या-क्या हुए खुलासे.

Prayagraj Maha Kumbh Stampede Death: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को मची भगदड़ में कुल कितने लोगों की मौत हुई, इसको लेकर यूपी सरकार ने कोई आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया. अब एक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावे किए गए हैं. कुंभ के दौरान भगदड़ में 82 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. जानिए, रिपोर्ट में और क्या-क्या हुए खुलासे.
1. प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मची थी. उस समय यूपी सरकार ने 37 लोगों के मरने की बात स्वीकार की थी, लेकिन बीबीसी ने अपनी एक पड़ताल में बड़ा दावा किया है.
2. बीबीसी की पड़ताल में बताया गया है कि हजारों किलोमीटर का सफर, 11 राज्य और 50 से अधिक जिलों का दौरा करने के बाद 100 से अधिक परिवारों से उनका प्रतिनिधि मिला. पड़ताल के मुताबिक कुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों की तादाद उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए आंकड़ों से कहीं अधिक हैं.
3. यूपी के प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ के सीएम योगी ने कहा था कि यह घटना 29 जनवरी की रात 1.10 सक 1.30 के बीच हुई थी. इसमें 30 लोगों की मौत हुई. बाद में ये बताया गया कि कुंभ में अन्य जगहों पर भी भगदड़ हुई थी, जिसमें 7 लोगों की मौतें हुई. यानी यूपी सरकार ने 37 लोगों की मौत स्वीकार की.
4. वहीं, बीबीसी ने दावा किया कि कुंभ के दौरान भगदड़ में 82 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. ऐसा इसलिए कि पड़ताल के दौरान 82 से ज्यादा मृतकों के परिजनों से उसने सीधा संपर्क किया. 82 लोगों में उन लोगों नाम शामिल नहीं, जो मौत का सबूत नहीं दे सके, लेकिन उनके परिजनों की मौत भगदड़ में हुई.
5. पड़ताल के दौरान मृतकों की सही संख्या का पता लगाने के लिए कर्नाटक, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम सहित 11 राज्यों के पीड़ितों के परिजनों से संपर्क किया गया.
6. यूपी सरकार ने भगदड़ मारे गए लोगों के तीन श्रेणियों में विभाजित किया. इनमें पहले श्रेणी में के लोगों को यूपी सरकार ने 25-25 लाख मुआवजे दिए. दूसरी श्रेणी के मृतकों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे तो सरकार ने दिए लेकिन उनकी मौत की वजह कुछ और माना. तीसरी श्रेणी के मृतकों को सरकार ने कोई मुआवजा राशि नहीं दी.
7. पहली श्रेणी के कुल 37 मृतकों में से सरकार की ओर से 36 को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा मिला. दूसरी श्रेणी के 26 लोगों को पांच-पांच लाख रुपये दिए गए. तीसरी श्रेणी के 19 लोगों को कुछ नहीं मिला. जिन्हें पांच-पांच लाख रुपये बतौर मुआवजा दिया गया. उनसे यूपी पुलिस ने कागज पर हस्ताक्षर करवाए कि पीड़ित की मौत तबीयत खराब होने की वजह से हुई.
8. इस मामले की पड़ताल के दौरान प्रयागराज के डीएम से कई बार संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई रुचि नहीं दिखाई. हर बार बताया गया कि डीएम साहब कार्यालय में नहीं हैं.
9. भगदड़ के घायलों को प्रयाग के मृतकों और घायलों को मेला अस्पताल, स्वरूपरानी अस्पताल और मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. घटना के अगले दिन बीबीसी को एक वीडियो मिला. वीडियो में 18 शव रखे हुए दिखाई दिए. इनमें से पांच मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे दिए गए.
10. प्रयागराज महाकुंभ में यह स्थिति उस समय उत्पन्न हुई जब मेले की निगरानी के लिए हजारों कैमरे लगाए गए थे. 50 हजार से जवान सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए तैनात किए गए थे. ड्रोन से भी हर तरह की गतिविधियों पर निगरानी की व्यवस्था की गई थी. हेलीकॉप्टर भी इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए मुहैया कराए गए थे. किसी हादसे से निपटने के लिए 133 एयर एंबुलेंस को भी स्टैंड बाय मोड में रखा गया था. इसके बावजूद दर्दनाक हादसा हुआ और काफी संख्या में लोग मारे गए.