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मुझमें लोगों को दिखते हैं कृष्‍ण, खुद भगवान शिव ने मुझे कल्‍क‍ि नाम दिया; IITian बाबा के कैसे-कैसे दावे?

IITian बाबा ने कहा कि अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे मानते हैं या नहीं. हो सकता है कि मैं पागल हूं, या फिर बहुत ज्ञानी हूं. जो सत्य होगा, वही बचेगा. समय बताएगा कि क्या मैं कल्कि हूं या नहीं, लेकिन कर्म से ही नाम होगा. नाम से पहले कर्म करना जरूरी है.

मुझमें लोगों को दिखते हैं कृष्‍ण, खुद भगवान शिव ने मुझे कल्‍क‍ि नाम दिया; IITian बाबा के कैसे-कैसे दावे?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 25 Jan 2025 6:40 PM

महाकुंभ में आए आईआईटीयन बाबा उर्फ अभय सिंह ग्रेवाल ने अपने बारे में कुछ ऐसे चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिन्हें सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. बाबा ने दावा किया कि वह कल्कि अवतार हैं और यह नाम उन्हें खुद भगवान शिव ने दिया है. वह मुंबई के आईआईटी से एयरो स्पेस में इंजीनियरिंग करके लाखों की नौकरी छोड़कर अध्यात्म की ओर मुड़ गए थे. बाबा का कहना है कि भगवान शिव ने उन्हें यह संदेश दिया कि वह कल्कि हैं.

आईआईटीयन बाबा ने एक चैनल से बातचीत करते हुए बताया कि लोगों ने उन्हें कई नाम दिए हैं, लेकिन उनका मानना है कि नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा, "मुझे बहुत सारे नाम दिए गए हैं, लेकिन जो नाम मैं बताऊंगा, उसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. भगवान शिव ने मुझे कल्कि नाम दिया है. यह नाम मुझे महादेव ने ऋषिकेश में तब बताया, जब मैं ध्यान में था."

बाबा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "पहले मुझे नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता था. मेरा ध्यान हमेशा काम पर था और मुझे यकीन था कि अगर काम सही तरीके से किया जाए, तो नाम अपने आप मिल जाएगा. जब धर्म की और सत्य की स्थापना हो जाएगी, तो लोग जो भी कहें, उससे फर्क नहीं पड़ेगा."

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ऋषिकेश में उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि वह भगवान का रूप हैं और अगले अवतार (कल्कि अवतार) के रूप में आएंगे. उन्होंने कहा, "अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे मानते हैं या नहीं. हो सकता है कि मैं पागल हूं, या फिर बहुत ज्ञानी हूं. जो सत्य होगा, वही बचेगा. समय बताएगा कि क्या मैं कल्कि हूं या नहीं, लेकिन कर्म से ही नाम होगा। नाम से पहले कर्म करना जरूरी है."

बाबा ने यह भी बताया कि उन्हें कल्कि के अलावा कई और नाम भी दिए गए थे. ऋषिकेश में रहते हुए, कुछ लोगों ने उन्हें राघव नाम दिया और कहा कि वह राम का स्वरूप हैं. इसी तरह, उन्हें माधव और वाराणसी में एक तांत्रिक द्वारा बटुक भैरव नाम भी दिया गया था.

महाकुंभ 2025
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