रामनवमी पर रामलला का हुआ सूर्य तिलक, श्रद्धालुओं पर ड्रोन से सरयू जल का छिड़काव; पहली बार दर्शन करने पहुंचे सांसद
अयोध्या में रामनवमी के शुभ अवसर पर रामलला को सूर्य तिलक अर्पित किया गया. आधुनिक तकनीक से सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर ठीक दोपहर 12 बजे पड़ीं, जिससे श्रद्धालु भावविभोर हो उठे. देश-विदेश से आए भक्तों ने इस अद्भुत क्षण का अनुभव किया. यह आयोजन श्रद्धा, विज्ञान और संस्कृति का अद्वितीय संगम बनकर उभरा.

रामनवमी के अवसर पर अयोध्या एक बार फिर श्रद्धा, विज्ञान और राजनीति के संगम की साक्षी बनी. राम मंदिर में रामलला के ललाट पर सूर्य की किरणों से ‘सूर्य तिलक’ का दृश्य जहां श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना, वहीं इस आयोजन ने भारत की प्राचीन परंपरा और आधुनिक तकनीक के अद्भुत मेल को भी दर्शाया. देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का सौभाग्य पाया.
सूर्य तिलक की प्रक्रिया को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अंजाम दिया गया, जहां विशेष दर्पण और लेंसों की मदद से सूर्य की किरणें मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचाई गईं. यह व्यवस्था इस तरह से की गई थी कि ठीक दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें 75 मिमी के टीके के रूप में रामलला के ललाट पर पड़ीं. यह नज़ारा तकनीकी उत्कृष्टता के साथ-साथ धार्मिक आस्था का जीवंत उदाहरण बन गया.
फैजाबाद सांसद ने भी किए दर्शन
इस पावन अवसर पर समाजवादी पार्टी के नेता और फैजाबाद से नवनिर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद ने पहली बार रामलला के दर्शन किए. चुनाव से पहले मंदिर को लेकर दिए गए उनके बयानों पर काफी विवाद हुआ था, लेकिन अब उन्होंने खुद को रामलला का भक्त बताते हुए रामनवमी के दिन सिर झुकाया. उनका यह कदम धार्मिक भावना और राजनीतिक व्यवहारिकता का संतुलन दर्शाता है.