यूपी के इस जिले में हो रहा गजब का खेला! 8 हजार मरे हुए लोगों के खाते में जा रहा पेंशन का पैसा
यूपी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक लेवल के लोगों को इस बात की कानों कान खबर नहीं है कि मुरादाबाद में 8 हजार से ज्यादा मृतक लोग पेंशन का फायदा उठा रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा लोग बिजनौर से हैं.

क्या मरने के बाद अपने सीने पर पैसे लेकर जाएंगे? अक्सर कंजूस लोगों से यह सवाल किया जाता है, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि आप मरने के बाद पैसे कमा सकते हैं, तो क्या आप हमारी बात पर यकीन करेंगे? इस दुनिया में सब कुछ संभव है. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां मरे हुए लोगों के नाम पर सरकार से जमकर पैसा लिया जा रहा है. मुरादाबाद मंडल में 8 हजार से ज्यादा मृत लोगों को वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है.
इस पेंशन को पाने वाले 8,119 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 21 लोग इसके लिए एलिजिबल नहीं हैं. सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इस बारे में ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक लेवल तक किसी को कुछ नहीं पता है. रिपोर्ट के अनुसार, डिवीजन में राज्य सरकार की ओर से 2 लाख से ज्यादा बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी. इस पेंशन का फायदा उठाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा संख्या बिजनौर की है. यहां 49,147 बुजुर्गों के नाम पेंशन है.
संभल में लोगों की संख्या कम
संभल में इस स्कीम का फायदा उठाने वाले कम लोग हैं. यह नंबर केवल 23,372 है. वेरिफिकेशन के बाद कुल 2,03,741 बुजुर्गों को इस स्कीम के लिए एलिजिबल पाया गया. वहीं, वेरिफिकेशन के दौरान कुल 8,119 मृतक और 21 नॉन एलिजिबल लोगों की पहचान की गई. ये सभी लोग पेंशन ले रहे थे. एलिजिबिलिटी का वेरिफिकेशन के साथ-साथ एलिजिबल बेनिफिशियर्स की डिटेल्स कंपाइल की गई.
कितने लोग हैं हकदार
उदाहरण के लिए बिजनौर में 46,063 महिला और पुरुष इस स्किम के लिए योग्य हैं. इसके साथ ही अमरोहा जिले में 37,131, बिजनौर में 49,147, संभल में 23,372, मुरादाबाद में 47,425 और रामपुर में 46,666 बुजुर्ग इस पेंशन के हकदार हैं.
कब दी जाएगी पेंशन?
वेरिफिकेशन रिपोर्ट के बाद सभी लाभार्थियों को पेंशन के पैसे बांटना शुरू किया जाएगा. लाभार्थियों के खातों को उनके आधार कार्ड से लिंक कर दिया गया है और डेवलपमेंट ब्लॉक्स में एडीओ समाज कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि नॉन एलिजिबल लोगों को इसका फायदा न मिले.